गोंडा जिले में फर्नीचर आपूर्ति के टेंडर में सवा दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने और 30 लाख रुपये एडवांस लेने के आरोप में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी को शासन ने निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें लखनऊ मंडल के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से सम्बद्ध करते हुए जांच बैठा दी गई है।

संयुक्त सचिव, बेसिक शिक्षा विभाग वेद प्रकाश राय की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि आयुक्त देवीपाटन मंडल और जिला मजिस्ट्रेट की संस्तुति के आधार पर बीएसए पर आरोप सिद्ध पाए जाने पर कार्रवाई की गई। आरोपों में टेंडर दाताओं से वसूली करना, मॉक बिड के विपरीत सामग्री खरीदना, शासनादेशों का पालन न करना, गलत पत्रावली प्रस्तुत करना और विभागीय कार्यों में लापरवाही शामिल हैं। इस मामले की जांच के लिए मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

जानकारी के अनुसार मामला मोतीगंज के ग्राम किनकी निवासी मनोज पांडेय से जुड़ा है। वे हरियाणा के गुरुग्राम स्थित नीमन सीटिंग सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी हैं। मनोज ने आरोप लगाया कि जिले के 564 उच्च प्राथमिक और संकुल विद्यालयों में फर्नीचर आपूर्ति के टेंडर में उनकी कंपनी को एल-1 घोषित किया गया था, लेकिन बीएसए अतुल कुमार तिवारी और उनके सहकर्मियों ने 15 प्रतिशत कमीशन की मांग की।

मनोज के अनुसार चार जनवरी 2025 को बीएसए के आवास पर बुलाया गया, जहां उन्होंने 22 लाख रुपये बीएसए और 8 लाख रुपये दोनों समन्वयकों को दिए। शेष राशि न देने पर उनका 50.38 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट रद्द कर फर्म को दो वर्ष के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। बीएसए ने इन आरोपों को खारिज करते हुए हाईकोर्ट तक अपील की थी, लेकिन बाद में याचिका वापस ले ली।

बीते तीन माह के भीतर यह बीएसए पर दर्ज होने वाला दूसरा मुकदमा है। पहले आरोप नियुक्ति में फर्जीवाड़े और घूसखोरी से जुड़े थे। मामले की जांच नगर कोतवाली पुलिस और संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा की जा रही है। बीएसए के निलंबन के बाद विभाग में सन्नाटा फैल गया है और जांच अधिकारी मामले की गहनता से छानबीन कर रहे हैं।