वाराणसी। सावन मास के दौरान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बदली हुई नजर आएगी। इस वर्ष न तो कोई वीआईपी दर्शन की सुविधा मिलेगी और न ही किसी को विशेष प्रोटोकॉल का लाभ दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन के लिए सामान्य कतार में लगना अनिवार्य होगा। प्रशासन ने इस संबंध में साफ निर्देश जारी कर दिए हैं।
प्रवेश के लिए गेट नंबर चार, नंदू फारिया, सिल्को गली, ढुंढिराज और सरस्वती फाटक से श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। गंगा में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ललिता घाट से प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई जा सकती है।
वृद्ध, दिव्यांग, बच्चों और अशक्त लोगों के लिए गोदौलिया से मैदागिन तक निशुल्क ई-रिक्शा सेवा चलाई जाएगी। इस वर्ष सावन में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा और सुविधाओं के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
मंडलायुक्त एस. राजलिंगम ने बताया कि कोई भी वीआईपी अथवा वीवीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी को लाइन में लगकर ही बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने होंगे। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि कोई व्यक्ति यदि विशेष दर्शन के नाम पर पैसे मांगता है या प्रसाद लेने के बहाने दर्शन में सुविधा का दावा करता है, तो उसकी जानकारी नजदीकी पुलिस या मंदिर प्रशासन को दें।
हर सोमवार को अलग श्रृंगार में दर्शन
इस सावन में चार सोमवार आएंगे, जिन पर बाबा का विशेष श्रृंगार होगा।
- 14 जुलाई को चल प्रतिमा श्रृंगार
- 21 जुलाई को गौरी-शंकर श्रृंगार
- 28 जुलाई को अर्धनारीश्वर श्रृंगार
- 4 अगस्त को रुद्राक्ष श्रृंगार
- 9 अगस्त को पूर्णिमा पर झूला श्रृंगार
डिजिटल दर्शन की भी व्यवस्था
स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत इस बार मंदिर परिसर और शहर के कई स्थानों पर बाबा विश्वनाथ के श्रृंगार और आरती के डिजिटल दर्शन की सुविधा रहेगी। साथ ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर भी इनका सीधा प्रसारण किया जाएगा।
धाम में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और लोकल सूचना प्रणाली की भी व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को सभी जरूरी जानकारी समय पर मिलती रहे।
चिकित्सा सेवाएं और खोया-पाया केंद्र
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में पांच स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए गए हैं। प्रत्येक पाली में दो चिकित्सकों की टीम तीन शिफ्टों में तैनात रहेगी। दो एंबुलेंस, जिनमें एक एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली, हमेशा तैयार रहेगी।
भीड़भाड़ में परिवार से बिछड़ने वालों के लिए छह स्थानों पर खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें मंदिर प्रांगण, शंकराचार्य चौक, गेट नंबर 1, 2, 4 और ललिता घाट शामिल हैं।
ग्लूकोज, ओआरएस और जलपान की व्यवस्था
धाम क्षेत्र में समय-समय पर ग्लूकोज, ओआरएस, बिस्किट, टॉफी, चॉकलेट और गुड़ वितरित किया जाएगा। वृद्धजनों और बच्चों को इससे राहत मिलेगी। साथ ही पर्याप्त पेयजल काउंटर भी स्थापित किए जाएंगे।
Read News: उत्तराधिकारी की अटकलों पर विराम: दलाई लामा बोले– अगले 30-40 साल सेवा में रहूंगा