उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में लेखपाल सुधीर कुमार की मौत के विरोध में शुक्रवार को प्रदेशभर में तहसील मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन हुआ। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ ने इस अवसर पर बीएलओ के रूप में एसआईआर संबंधी कार्यों का बहिष्कार भी किया। संघ ने पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने और पीसीएस अधिकारी व राजस्व निरीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सुधीर कुमार की शादी 26 नवंबर को थी। वह छुट्टी के लिए अधिकारियों से बार-बार अनुरोध कर रहा था, लेकिन उसे छुट्टी नहीं दी गई। 22 नवंबर को एसआईआर बैठक में न जाने पर उसे एसडीएम (ईआरओ) द्वारा निलंबित कर दिया गया। इसके बाद 24 नवंबर को उसने पुनः छुट्टी के लिए आवेदन किया, लेकिन एसडीएम और नायब तहसीलदार के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक शिवराम उसके घर पहुंचे और उसे धमकी दी कि एसआईआर का काम पूरा करें या कोई और व्यक्ति पैसा देकर काम करवाए। संघ का आरोप है कि इसी उत्पीड़न के कारण उसने आत्महत्या कर ली।

लेखपाल संघ ने कहा कि काम करने के बावजूद लेखपालों को लगातार परेशान किया जा रहा है। इसलिए तत्काल उत्पीड़न बंद करने और पीड़ित परिवार की हरसंभव मदद की जानी चाहिए।

इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस ने भी समर्थन किया। सुधीर कुमार के परिजनों को आर्थिक सहायता, परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एसआईआर की समय सीमा बढ़ाने की मांग उठाई गई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने देवरिया में बीएलओ रंजू दुबे की मौत पर परिजनों से मुलाकात की और रुद्रपुर में चल रहे धरने में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में एसआईआर को लेकर अराजक स्थिति है और उच्च अधिकारी बीएलओ पर काम का दबाव डालने के साथ अनुचित दबाव भी बना रहे हैं।