उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में लंबे समय से लंबित शिक्षामित्रों के तबादला और समायोजन के आदेशों को लागू करने की कवायद शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सभी बीएसए को आवश्यक कार्यवाही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि शासन की ओर से शिक्षामित्रों के तबादला और समायोजन के निर्देश 3 जनवरी और 12 जून को जारी किए गए थे, जबकि 9 दिसंबर को विस्तृत आदेश भी जारी किए गए थे। इसके तहत पहले चरण में मूल विद्यालय और यदि वहां स्थान उपलब्ध न हो तो संबंधित ग्राम पंचायत में तैनाती सुनिश्चित की जाएगी। शिक्षामित्रों से पहले विकल्प लिए जाएंगे, और डीएम की अध्यक्षता वाली कमेटी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करेगी। पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दूसरे चरण का कार्यक्रम जारी किया जाएगा।
ऑनलाइन हाजिरी लागू करने पर शिक्षकों का विरोध
वहीं, शिक्षकों के लिए ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था लागू करने की तैयारी के खिलाफ विरोध भी तेज हो गया है। अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने इस व्यवस्था का बहिष्कार करने की घोषणा की है। शिक्षक नेताओं ने अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा को पत्र भेजकर कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को सुलझाए बिना यह प्रणाली लागू करना अनुचित है।
उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी और उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ (तिवारी गुट) के प्रदेश अध्यक्ष विनय तिवारी ने कहा कि पहले शिक्षकों की मांगें—आधे दिन का अवकाश, ईएल-सीएल, मेडिकल और बीमा जैसी सुविधाएं— पूरी की जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि मनमाना आदेश शिक्षकों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रहा है।
शिक्षक नेताओं ने यह भी बताया कि पूर्व में इस व्यवस्था को स्थगित करने का निर्णय शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए लिया गया था। उच्च न्यायालय ने भी निर्देश दिए थे कि शिक्षक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए कार्ययोजना पेश की जाए, न कि आदेश तुरंत लागू किए जाएं।