मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने अनुपूरक बजट के माध्यम से पर्यटन, कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के विकास को प्राथमिकता दी है। मंगलवार को विधान सभा में वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत अनुपूरक बजट में पर्यटन और ईको टूरिज्म से जुड़ी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण धनराशि का प्रस्ताव रखा गया।

बजट प्रस्तावों के अनुसार उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड को 1 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की योजना है, जबकि पर्यटन सुविधाओं के विस्तार, यात्री सुविधाओं और संस्थागत विकास से जुड़े कार्यों के लिए 5 करोड़ रुपये की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त श्री सोरों तीर्थ (कासगंज), श्री कल्कि धाम (संभल) समेत अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों में पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्रस्तावित किया गया है। इस धनराशि से सड़कों, प्रकाश व्यवस्था, सूचना केंद्रों, शौचालयों, पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाया जाएगा।

अनुपूरक बजट में ईको पर्यटन के प्रचार-प्रसार के लिए 10 लाख रुपये तथा प्राकृतिक स्थलों, वन क्षेत्रों और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। साथ ही जनपद और ब्लॉक मुख्यालयों पर हेलीपैड सुविधाओं के विकास के लिए 10 करोड़ रुपये के अनुदान का प्रस्ताव रखा गया है।

कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी बजट में ध्यान दिया गया है। लोक कलाकारों को वाद्ययंत्रों की खरीद और सहयोग के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सार्वजनिक रामलीला स्थलों के रख-रखाव, संग्रहालयों के संरक्षण और क्यूरेशन के लिए प्रतीकात्मक राशि रखी गई है। इसके अलावा राज्य पुरातत्व निदेशालय के अंतर्गत लखनऊ स्थित छतर मंजिल के संरक्षण एवं पुनर्स्थापन कार्यों के लिए 3 करोड़ 44 लाख रुपये प्रस्तावित हैं।

सरकार का मानना है कि इन योजनाओं के माध्यम से प्रदेश में पर्यटन और ईको टूरिज्म को नई दिशा मिलेगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्राप्त होगी।