भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की ताजा रिपोर्ट में भारतीय रेलवे के कामकाज को लेकर कई गंभीर मुद्दे सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीन का सही उपयोग कर राजस्व बढ़ाने में नाकाम रहा है। मार्च 2023 तक 269 निजी साइडिंग मालिकों से लगभग 4,087 करोड़ रुपये की वसूली लंबित पाई गई, जिसे निगरानी की कमी और नियमों के कमजोर क्रियान्वयन से जोड़ा गया है।
कैग की ऑडिट का दायरा
यह ऑडिट रेलवे की दो प्रमुख गतिविधियों पर केंद्रित थी। पहली, रेलवे की खाली जमीन का व्यावसायिक इस्तेमाल कर आय बढ़ाने की प्रक्रिया की समीक्षा, और दूसरी, मल्टी-फंक्शनल कॉम्प्लेक्स के निर्माण की निगरानी। यह ऑडिट वर्ष 2018-19 से 2022-23 तक की अवधि को कवर करता है।
खाली जमीन और विकास में कमी
रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2023 तक रेलवे के पास कुल 4.88 लाख हेक्टेयर जमीन थी, जिसमें से 62,740 हेक्टेयर बिना उपयोग के पड़ी थी। इनमें से केवल 997.8 हेक्टेयर यानी करीब 1.6 प्रतिशत जमीन ही रेलवे लैंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरएलडीए) को सौंपा गया। इस दौरान रेलवे बोर्ड को 657 हेक्टेयर जमीन से जुड़े 188 प्रस्ताव मिले, जिनमें से 59 प्रस्ताव आरएलडीए को आगे की कार्रवाई के लिए भेजे गए। बाद में आरएलडीए ने केवल 35 स्थानों पर जमीन डेवलपर्स को आवंटित की।
इसके बावजूद, बड़ी मात्रा में जमीन उपलब्ध होने के बावजूद, आरएलडीए मार्च 2023 तक केवल 8.8 प्रतिशत यानी 87.76 हेक्टेयर जमीन ही विकास के लिए आवंटित कर सका। कई भूखंडों पर अतिक्रमण, स्वामित्व विवाद और अन्य अड़चनें मौजूद थीं, जिनकी वजह से इन जमीनों से कोई आय नहीं हो पाई।
प्रक्रिया में कमज़ोरी और समन्वय की कमी
कैग की रिपोर्ट में यह भी उजागर किया गया कि रेलवे की अलग-अलग एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के कारण भूमि आवंटन और विकास की प्रक्रिया में भारी देरी हुई। रिपोर्ट में कहा गया कि जब रेलवे बोर्ड आरएलडीए को जमीन सौंप रहा था, तब पहले सुनिश्चित किया जाना चाहिए था कि उन जमीनों पर कोई अतिक्रमण या अन्य समस्याएँ न हों।
वसूली और व्यावसायिक साइटें
मार्च 2023 तक जिन व्यावसायिक साइटों को आवंटित किया गया था, उनमें से एक भी साइट का विकास नहीं हो पाया। इसके अलावा, 4,087 करोड़ रुपये की लंबित वसूली रेलवे के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।
कैग की यह रिपोर्ट भारतीय रेलवे की जमीन प्रबंधन प्रणाली और राजस्व वसूली प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता की ओर स्पष्ट संकेत देती है।