कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के संभावित अमेरिका दौरे ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि प्रियंका मिशन मोड में विदेश जा रही हैं और वहां भारत विरोधी समूहों से मुलाकात कर देश की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। भाजपा का दावा है कि यह वही रास्ता है, जिस पर पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चल चुके हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने सोशल मीडिया पर कहा कि प्रियंका गांधी का दौरा भारत विरोधी तत्वों के स्वागत में हो सकता है और यह कदम कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है। हालांकि, भाजपा ने प्रियंका गांधी के दौरे के कार्यक्रम या बैठकों का कोई विवरण साझा नहीं किया है। फिलहाल कांग्रेस या प्रियंका गांधी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

पारदर्शिता की मांग
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने पारदर्शिता की मांग करते हुए कहा कि राहुल गांधी 2015 से अब तक सैकड़ों विदेशी यात्राएं कर चुके हैं, जिनमें से कई निजी बताकर बैठकों, एजेंडे और फंडिंग का खुलासा नहीं किया गया। उनका कहना है कि कांग्रेस नेताओं की विदेश यात्राओं के बाद अक्सर भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं पर सवाल उठाने वाले वैश्विक नैरेटिव सामने आते हैं।

समन्वय या संयोग का सवाल
इल्मी ने सवाल उठाया कि जब-जब भारत में सुधारों पर बहस होती है या विरोध-प्रदर्शन होते हैं, तब गांधी परिवार के सदस्य विदेशों में उन्हीं मंचों पर दिखाई देते हैं जिनका कथित रूप से जॉर्ज सोरोस से संबंध बताया जाता है। उन्होंने पूछा कि इन यात्राओं को कौन फंड करता है और एजेंडा कौन तय करता है। भाजपा ने कहा कि देश किसी विदेशी एजेंडे की प्रयोगशाला नहीं है।

भाजपा के अन्य आरोप
प्रदीप भंडारी ने कहा कि अतीत में राहुल गांधी को ऐसे लोगों के साथ देखा गया है जो भारतीय लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करते। सी आर केसव ने राहुल गांधी की हालिया विदेश यात्राओं को भारत की छवि को चोट पहुंचाने वाला बताया। वहीं भाजपा प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि गांधी भाई-बहन अमेरिका में भारत विरोधी एजेंडा सेट करने जा रहे हैं।

भाजपा ने कांग्रेस से मांग की है कि राहुल और प्रियंका गांधी की विदेश यात्राओं के मकसद और बैठकों की जानकारी देश को साझा की जाए। दूसरी ओर, कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। ऐसे में प्रियंका गांधी के अमेरिका दौरे को लेकर राजनीतिक टकराव तेज होने की संभावना है।