शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को सेवा में बने रहने और पदोन्नति के लिए अनिवार्य किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद शिक्षक संगठनों ने विरोध का रुख तेज कर दिया है। पहले नवंबर में दिल्ली कूच का कार्यक्रम तय था, लेकिन प्रशासनिक कारणों से अब इसे 5 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया (TFI) ने यह फैसला हाल ही में दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में हुई बैठक के बाद लिया। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में सिख समाज का एक राष्ट्रीय आयोजन होने के कारण दिल्ली प्रशासन ने उस अवधि में किसी भी रैली की अनुमति नहीं दी है। इस कारण अब 5 दिसंबर को जंतर मंतर पर महारैली आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि देशभर के शिक्षक संगठनों से संपर्क अभियान शुरू कर दिया गया है।

TFI की मांग है कि 27 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से मुक्त रखा जाए, जिससे लाखों शिक्षकों को राहत मिल सके।

शिक्षक संघर्ष मोर्चा भी करेगा प्रदर्शन
वहीं, अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने भी 24 नवंबर को जंतर मंतर पर प्रदर्शन की घोषणा की है। मोर्चा का दावा है कि इस प्रदर्शन में केवल उत्तर प्रदेश से दो लाख से अधिक शिक्षक शामिल होंगे। संगठन का कहना है कि टीईटी को 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों पर लागू करना अनुचित है।

प्रस्तावित कार्यक्रम इस प्रकार हैं:

  • 24 नवंबर: अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा का जंतर मंतर पर प्रदर्शन

  • 25 नवंबर: अटेवा संगठन का पुरानी पेंशन बहाली और टीईटी मुद्दे पर दिल्ली कूच

  • 5 दिसंबर: टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया की महारैली

  • 11 दिसंबर: अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ का जंतर मंतर पर धरना

इन प्रदर्शनों के माध्यम से शिक्षक संगठन सरकार से पुरानी नियुक्तियों पर टीईटी की बाध्यता हटाने और शिक्षकों की सेवा शर्तों में राहत देने की मांग कर रहे हैं।