अयोध्या। राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख संत और प्रख्यात रामकथा वाचक गोलोकवासी डॉ. रामविलास दास वेदांती की अंतिम यात्रा गुरुवार को अयोध्या में श्रद्धा और शोक के वातावरण में निकाली गई। रामधुन और “जय श्रीराम” के उद्घोष के बीच नगर भ्रमण करती हुई यह यात्रा हिंदू धाम आश्रम से शुरू होकर जानकी महल मार्ग होते हुए रामपथ तक पहुंची।

अंतिम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने राम मंदिर के समक्ष रामलला और इसके बाद हनुमंत लला के दर्शन किए। पूरे नगर में शोक और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। बड़ी संख्या में संत, महंत और रामभक्त इस यात्रा में शामिल हुए और नम आंखों से विदाई दी।

इसके बाद पार्थिव शरीर को सरयू तट स्थित संत तुलसीदास घाट ले जाया गया, जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच जल समाधि दी गई। इस अवसर पर संत समाज के प्रमुख लोग, शिष्य और अनुयायी उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि डॉ. रामविलास दास वेदांती का मध्य प्रदेश के रीवा में रक्तचाप बढ़ने से निधन हो गया था। उनके निधन को संत समाज और रामभक्तों ने अपूरणीय क्षति बताया है।

इससे पूर्व उनका पार्थिव शरीर हिंदू धाम आश्रम लाया गया, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही सहित अनेक जनप्रतिनिधि, संत और महंत भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। अयोध्या में पूरे दिन शोक का माहौल बना रहा और श्रद्धालु भावुक नजर आए।