उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने बिजली दरों में लगभग 16 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव अंतिम रूप दे दिया है। निगम की बोर्ड बैठक में मुहर लगने के बाद इस संबंध में याचिका तैयार की जा रही है, जिसे अगले सप्ताह नियामक आयोग के समक्ष पेश किया जाएगा।

निगम का कहना है कि पिछले नौ वर्षों में किए गए विभिन्न कार्यों और खर्चों का पूंजीकरण नियामक आयोग से स्वीकृत नहीं हो पाया था। इस बार की याचिका में वर्ष 2016-17 से 2024-25 तक के कार्यों से जुड़े 976 करोड़ रुपये को शामिल किया गया है। इसके साथ ही पिछले वित्तीय वर्ष के ट्रू-अप में 1343 करोड़ रुपये की मांग भी जोड़ी गई है। कुल मिलाकर करीब 2000 करोड़ रुपये की भरपाई के लिए यह प्रस्ताव दाखिल किया जा रहा है।

नियमों के अनुसार, यूपीसीएल को 30 नवंबर तक याचिका दाखिल करनी थी, लेकिन देरी को देखते हुए निगम ने आयोग से 17 दिसंबर तक का समय मांगा था। अब बोर्ड की मंजूरी के बाद प्रस्तावित वृद्धि को पिटीशन में शामिल कर दिया गया है। अनुमान है कि प्रस्तावित गैप की भरपाई के लिए बिजली दरों में करीब 16 प्रतिशत की वृद्धि आवश्यक होगी।

यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि यह याचिका 10 दिसंबर तक दायर कर दी जाएगी। नियामक आयोग तीनों ऊर्जा निगमों की याचिकाओं की समीक्षा करेगा और इसके बाद जनसुनवाई आयोजित की जाएगी। अंतिम निर्णय के आधार पर संशोधित बिजली दरें आगामी 1 अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू होंगी।