लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, चित्रकूट, भदोही, महाराजगंज, फिरोजाबाद, सीतापुर, बहराइच और चंदौली जिलों में 50 बेड के एकीकृत आयुष अस्पताल स्थापित किए जाएंगे। शुक्रवार को मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई नेशनल आयुष मिशन की 11वीं शासी निकाय की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
बैठक में वर्ष 2025-26 के लिए कुल 651.81 करोड़ रुपये की राज्य वार्षिक कार्ययोजना को भी मंजूरी दी गई, जिसमें आयुष सेवाओं, आयुष शिक्षा संस्थानों, फ्लैक्सी पूल और व्यवस्थापन लागत को शामिल किया गया है।
आयुष सेवाओं पर 519.70 करोड़, शिक्षा संस्थानों पर 86.17 करोड़, फ्लैक्सी पूल के लिए 30.92 करोड़ और व्यवस्थापन लागत के लिए 15.01 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। नए प्रस्तावों पर 194.48 करोड़, आयुष दवाओं और मानव संसाधन जैसे आवर्ती व्ययों पर 214.78 करोड़ और पूर्व स्वीकृत परियोजनाओं की शेष राशि पर 110.43 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।
इन आठ जिलों में बनने वाले 50 बेड के आयुष अस्पतालों के लिए प्रति अस्पताल 15 करोड़ रुपये की गैर-आवर्ती राशि तय की गई है। साथ ही, आकांक्षी जिलों में 32 नए आयुष औषधालय भी बनाए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक के लिए 30 लाख रुपये निर्धारित हैं।
बहराइच, आजमगढ़ और मिर्जापुर में 30 बेड वाले आयुष अस्पतालों के लिए 10.50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। फ्लैक्सी पूल के तहत लखनऊ में छह पंचकर्म और योग केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिन पर प्रत्येक के लिए 31.09 लाख रुपये का व्यय किया जाएगा।
आयुष सेवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए लखनऊ के स्टेट यूनानी और होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज तथा गोरखपुर के आयुष विश्वविद्यालय में ई-संजीवनी योजना के अंतर्गत टेलीमेडिसिन हब बनाए जाएंगे। हर हब की स्थापना पर 10.50 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
इसके अतिरिक्त, आयुष सेवाओं को डिजिटल रूप से और प्रभावशाली बनाने के लिए दो करोड़ रुपये की लागत से एक आयुष सूचना सॉफ्टवेयर विकसित और संचालित किया जाएगा।
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