अखिल भारतीय अन्ना द्रविड मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) ने तमिलनाडु में एक छात्र के कथित यौन उत्पीड़न के मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि पुलिस और राज्य के मंत्री के बयानों में विरोधाभास है, जिसके कारण इस मामले में निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
अन्नाद्रमुक महासचिव ए.के.पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस और उच्च शिक्षा मंत्री गोवी चेझीयान के बयानों में विरोधाभास है। उन्होंने कहा, पुलिस आयुक्त ने कहा था कि पुलिस को अन्ना विश्वविद्यालय से 100 नंबर कॉल मिली थी। जबकि मंत्री का कहना है कि पीड़िता ने खुद थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। पलानीस्वामी ने कहा, इससे साफ होता है कि किसी प्रभावशाली व्यक्ति को बचाने की कोशिश की जा रही है।
पलानीस्वामी ने महिलाओं की सुरक्षा पर जताई चिंता
पलानीस्वामी ने कहा कि केवल सीबीआई की जांच ही सच को सामने ला सकती है। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी मांग करती है कि निष्पक्ष जांच के लिए मामले को सीबीआई को सौंपा जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके और जांच सही दिशा में आगे बढ़ सके। अन्नाद्रमुक नेता ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता जताई और इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य सरकार की कानून-व्यवस्था को दर्शाती है।
राज्यपाल रवि से मुलाकात करेंगे पलानीस्वामी
पलानीस्वामी ने आरोप लगाया कि राज्य में भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि से मिलने जाएंगे और राज्य में हो रहे कथित भ्रष्टाचार और अपराधों पर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।