रामपुर तिराहा कांड की सुनवाई कर रही मुजफ्फरनगर की अदालत में दिल्ली पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त और चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी प्रदीप श्रीवास्तव ने पेश होकर बयान दर्ज कराए। कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी भी मंगलवार को कोर्ट में हाजिर हुए।
आपको बता दें कि पृथक उत्तराखंड गठन की मांग को लेकर देहरादून से दिल्ली रवाना हुए हजारों आंदोलनकारियों को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया गया था। आरोप है कि 1-2 अक्टूबर 1994 की रात को क्षेत्र के रामपुर तिराहा पर पुलिस और पीएसी ने आंदोलनकारियों पर गोली चलाई थी। इसमें 7 आंदोलनकारी शहीद हो गए थे।
महिलाओं के साथ भी रेप की बात भी सामने आई थी। मामले की जांच सीबीआई ने की थी। इसके बाद सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी मुकदमे की सुनवाई हाईकोर्ट के आदेश पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 7 शक्ति सिंह की अदालत में ट्रांसफर हो गई थी।
सीबीआई के गवाह ने दर्ज कराए बयान
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता परविंदर सिंह ने बताया कि 4 अप्रैल को कोर्ट ने घटना के मामले में गवाही के लिए सीबीआई के गवाह और दिल्ली पुलिस के तत्कालीन उपायुक्त तथा चंडीगढ़ के पूर्व डीजीपी प्रदीप श्रीवास्तव को तलब किया था। उन्होंने बताया कि मंगलवार को दिल्ली पुलिस के पूर्व उपायुक्त ने कोर्ट में पेश होकर बयान दर्ज कराए। कोर्ट के नोटिस पर सीबीआई के पैरवी अधिकारी इंस्पेक्टर देवेंद्र मीणा भी कोर्ट में उपस्थित हुए।
चार आरोपियों की मृत्यु आख्या पेश की
मंगलवार को सीबीआई ने मामले में आरोपी राजपाल सिंह, झमल सिंह, महेश चंद शर्मा और नेपाल सिंह की मृत्यु की सत्यापन आख्या कोर्ट में पेश की। फरार विक्रम सिंह के मामले में भी कोर्ट में सीबीआई ने आख्या प्रस्तुत की। जिस पर आदेश सुरक्षित रखा गया। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की अब 26 अप्रैल की तिथि निर्धारित की है।