भारत-बांग्लादेश व्यापार विवाद: बांग्लादेश ने पाकिस्तान के लिए खोले व्यापार के दरवाजे

भारत ने हाल ही में बांग्लादेश के कुछ उत्पादों के भारत में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस कदम के बाद, बांग्लादेश ने पाकिस्तान के व्यापारियों के लिए वीजा नीति को आसान बनाने का ऐलान किया है। इससे पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान से 1971 के युद्ध में हुए नुकसान की भरपाई और माफी की मांग कर रहा था, लेकिन अब उसने व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

पाकिस्तान के लिए आसान वीजा नीति

बांग्लादेश ने पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए वीजा प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान में बांग्लादेश के उच्चायुक्त इकबाल हुसैन खान ने कहा कि इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। उन्होंने गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जीटीसीसीआई) के एक कार्यक्रम में कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान को पश्चिम एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में देखता है और व्यापारिक संबंधों को प्रोत्साहित करना चाहता है।

द्विपक्षीय व्यापार में बढ़ोतरी की उम्मीद

खान ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार एक अरब डॉलर से अधिक होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय व्यापारिक अवसरों का उपयोग कर परस्पर लाभ कमा सकते हैं।

भारत का व्यापार प्रतिबंध

भारत ने बांग्लादेश से कोलकाता और न्हावा शेवा बंदरगाहों के माध्यम से केवल रेडीमेड वस्त्रों के आयात की अनुमति दी है। इसके अलावा, पूर्वोत्तर सीमा पारगमन चौकियों के माध्यम से उपभोक्ता वस्तुओं के आयात पर रोक लगा दी गई है।

किन वस्तुओं पर लगी रोक

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, प्लास्टिक, लकड़ी के फर्नीचर, कार्बोनेटेड पेय, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, फलों के स्वाद वाले पेय, कपास और कपास के कचरे को मेघालय, असम, त्रिपुरा, मिजोरम और पश्चिम बंगाल के कुछ सीमा शुल्क स्टेशनों से भारत में लाने की अनुमति नहीं होगी।

व्यापार नीति में बदलाव का कारण

बांग्लादेशी उपभोक्ता वस्तुओं पर प्रतिबंध ऐसे समय में आया है जब भारत ने बांग्लादेश से तीसरे देशों के लिए निर्यात माल के ट्रांस-शिपमेंट की पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत-बांग्लादेश व्यापार पर बड़ा असर पड़ सकता है।

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