भारत और कनाडा के बीच पिछले दो साल से चली आ रही तनातनी अब धीरे-धीरे दूर होती दिख रही है। जी20 सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई पीएम मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने रुकी हुई व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है। कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने कहा कि नई विदेश नीति के तहत भारत के साथ व्यापार को तेजी से बढ़ाया जाएगा, ताकि बदलते वैश्विक माहौल में आर्थिक साझेदारी मजबूत हो सके।

अनीता आनंद ने यह भी बताया कि दोनों देश जल्द ही नई व्यापारिक साझेदारी (ट्रेड डील) पर तेजी से काम करेंगे। उनका कहना है कि कनाडा और भारत के बीच आपसी व्यापार को 2030 तक 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने की योजना है। वर्तमान में कनाडा भारत का सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारतीय बाजार में उसका महत्वपूर्ण निवेश भी है। अगले साल पीएम कार्नी भारत का दौरा करेंगे।

तनाव की वजह:
दोनों देशों के रिश्ते 2023 में खराब हो गए थे, जब कनाडाई पुलिस ने आरोप लगाया कि वैंकूवर के पास एक सिख कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका हो सकती है। निज्जर, जो खालिस्तान आंदोलन से जुड़े थे, जून 2023 में गोली मारकर हत्या कर दिए गए थे। इस मामले में चार भारतीय नागरिक गिरफ्तार हैं और मुकदमे का इंतजार कर रहे हैं। इसी विवाद के कारण 2023 में कनाडा ने भारत के साथ व्यापार वार्ता रोक दी थी।

रिश्तों में सुधार:
हालांकि, 2024 में रिश्तों में सुधार के संकेत मिलने लगे। जून में पीएम कार्नी ने जी7 शिखर सम्मेलन में मोदी को आमंत्रित किया और अगस्त में दोनों देशों ने अपने शीर्ष राजनयिकों को फिर से नियुक्त किया। अनीता आनंद के अनुसार, पिछले छह महीनों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

कनाडा का नया लक्ष्य:
कनाडा, जो अपनी अर्थव्यवस्था का 75% हिस्सा अमेरिका के साथ व्यापार पर निर्भर करता है, अब अमेरिका के बाहर अपने व्यापार को दोगुना करने की योजना बना रहा है। इसी रणनीति के तहत वह भारत और चीन के साथ व्यापारिक संबंधों को मजबूत कर रहा है। पिछले महीने कार्नी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में कदम रही।