नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत नए ग्रामीण रोजगार विधेयक वीबी-जी राम जी के खिलाफ बुधवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की है। पार्टी का आरोप है कि यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म करने और गरीबों के अधिकारों को छीनने की कोशिश है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश अध्यक्षों को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि हर जिले के मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किए जाएं। उन्होंने कहा कि इन प्रदर्शनों में महात्मा गांधी की तस्वीरें जरूर रखी जाएं, ताकि गांधीजी के नाम और मूल्यों को बचाने का प्रतीकात्मक संदेश दिया जा सके।

वेणुगोपाल ने कहा कि यह केवल कानून में बदलाव नहीं है, बल्कि मजदूरों के अधिकारों, संघीय ढांचे और गांधीजी की विरासत पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह 'भाजपा-आरएसएस की सोची-समझी योजना' है, जिसका उद्देश्य अधिकार आधारित कल्याण योजनाओं को खत्म कर उन्हें केंद्र के नियंत्रण वाली 'चैरिटी' में बदलना है।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद परिसर में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश किए गए इस विधेयक का भी जोरदार विरोध किया। विपक्षी सांसदों ने संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई।

केसी वेणुगोपाल ने बताया कि 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस के अवसर पर हर ब्लॉक और गांव में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में भी गांधीजी की तस्वीरें रखकर श्रम की गरिमा, सामाजिक न्याय और काम के अधिकार के प्रति पार्टी की प्रतिबद्धता को दोहराया जाएगा।

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि यह संघर्ष सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि नैतिक भी है। कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार की कोशिश मनरेगा को कमजोर करने की है, जो देश के करोड़ों ग्रामीण मजदूरों के हितों पर सीधा असर डालती है। पार्टी सड़क से संसद तक इस मुद्दे पर विरोध जारी रखेगी।