सरकार द्वारा आयातित तेल-तिलहनों के आयात शुल्क में कमी किए जाने की अफवाह से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह बाजार में अफरा-तफरी का माहौल था तथा मांग प्रभावित होने से लगभग सभी प्रमुख तेल-तिलहनों के भाव नरमी दर्शाते बंद हुए। जानकार सूत्रों ने कहा कि अफवाहों के कारण मांग गंभीर रूप से प्रभावित होने की वजह से मुख्य रूप से सीपीओ और सोयाबीन तेल कीमतों की अगुवाई में सरसों, मूंगफली, बिनौला सहित विभिन्न तेल तिलहन कीमतों में गिरावट देखी गई। अफवाहों के संदर्भ में बाजार के जानकारों ने कहा कि सरकार की ओर से आयात शुल्क कम करने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि विदेशों में खाद्य तेलों के दाम बढ़ा दिये जाते हैं और स्थिति जस की तस बनी रहती है।
सरसों दादरी तेल का भाव भी 625 रुपये और सरसों दाना 200 रुपये टूटा
बीते सप्ताह, सरसों दाना का भाव 200 रुपये की हानि दर्शाता 7,300-7,400 रुपये प्रति क्विन्टल रह गया जो भाव उसके पिछले सप्ताहांत 7,550-7,600 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव भी 625 रुपये घटकर 14,500 रुपये प्रति क्विन्टल रह गया। सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी टिनों के भाव भी समीक्षाधीन सप्ताहांत में 75-75 रुपये की हानि दर्शाती क्रमश: 2,315-2,365 रुपये और 2,415-2,515 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।