इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष की गर्मी अब भारतीय शेयर बाजार तक महसूस की जा रही है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही हलचल देखने को मिली—निफ्टी 24,500 के नीचे शुरू हुआ, हालांकि दिन के अंत में कुछ रिकवरी के साथ 24,700 के ऊपर बंद हुआ। इस अस्थिरता में उन कंपनियों के शेयरों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा, जिनका इज़राइल के साथ सीधा कारोबारी संबंध है। जानकारों के अनुसार, अगर हालात और बिगड़े, तो बाजार को और बड़ा झटका लग सकता है।

तेल की कीमतों में उछाल और बाज़ार पर असर

गुरुवार रात इज़राइल द्वारा तेहरान पर किए गए हमले के बाद वैश्विक बाज़ारों में बेचैनी बढ़ी। भारतीय बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा—सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई। साथ ही, ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 12% से ज्यादा उछाल आया, जो ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के लिए एक चुनौती बन गया। इंडियन ऑयल और बीपीसीएल जैसी कंपनियों की लागत बढ़ने की आशंका है, जबकि तेल उत्पादक ओएनजीसी को इससे लाभ हुआ और उसके शेयरों में लगभग 3% की बढ़त दर्ज की गई।

अडानी पोर्ट्स को बड़ा झटका

अडानी समूह की अडानी पोर्ट्स को सबसे ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा, क्योंकि इस कंपनी ने इस साल की शुरुआत में इज़राइल के हाइफा पोर्ट में लगभग 1.03 अरब डॉलर का निवेश किया था। इस पोर्ट के युद्ध क्षेत्र में आने से शुक्रवार को कंपनी के शेयर 3% टूटकर 1,402 रुपये तक गिर गए। कंपनी की सफाई के बावजूद कि इस पोर्ट का कुल कारोबार में हिस्सा सीमित है, निवेशकों की चिंता कम नहीं हुई है। जानकार मानते हैं कि तनाव लंबा चला तो शेयर और नीचे जा सकते हैं।

फार्मा कंपनियों पर दबाव

सन फार्मा जैसी दिग्गज दवा कंपनियां भी इस हालात से प्रभावित हैं। इसकी इज़रायली कंपनी तारो फार्मास्युटिकल में हिस्सेदारी है, जबकि टेवा फार्मा से भी व्यापारिक संबंध हैं। डॉ. रेड्डीज और ल्यूपिन जैसी कंपनियां भी इज़रायल से जुड़ी हैं, जिससे इनके शेयरों में उतार-चढ़ाव देखा गया है। युद्ध की वजह से सप्लाई चेन पर असर पड़ा तो बिक्री और मुनाफे में गिरावट संभव है।

आईटी और अन्य सेक्टर भी प्रभावित

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस, विप्रो और टेक महिंद्रा जैसी आईटी कंपनियों के इज़रायल में तकनीकी प्रोजेक्ट्स हैं। युद्ध के कारण अगर माहौल बिगड़ा तो इन कंपनियों की आमदनी और प्रोजेक्ट डिलीवरी पर असर हो सकता है। शुक्रवार को आईटी स्टॉक्स में सुस्ती देखी गई।

बैंकिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर और माइनिंग पर भी दबाव

एसबीआई और एलएंडटी जैसी कंपनियों के भी इज़राइल में व्यावसायिक हित हैं। एलएंडटी डिफेंस और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में शामिल है। जंग बढ़ने पर इन कंपनियों के प्रदर्शन पर भी असर दिख सकता है। वहीं, कल्याण ज्वैलर्स, टाइटन और एनएमडीसी जैसी कंपनियां भी प्रभावित हो सकती हैं क्योंकि इनका कारोबार मिडिल ईस्ट में फैला हुआ है, जहां सप्लाई चेन में रुकावट की आशंका है।

निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह

हालात को देखते हुए विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्कता बरतने और इज़राइल से जुड़े स्टॉक्स पर करीबी निगरानी रखने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि अगर तनाव और गहरा होता है, तो इसका असर सिर्फ बाजार पर नहीं, बल्कि कंपनियों के मुनाफे पर भी पड़ सकता है।