कहावत है—जो दूर की सोचता है, वही आगे निकलता है। यह बात भारत के दिग्गज उद्योगपति मुकेश अंबानी पर पूरी तरह फिट बैठती है। हाल ही में एक ऐसा उदाहरण सामने आया, जिसने यह साबित कर दिया कि सोच और धैर्य से किया गया निवेश कितना बड़ा लाभ दे सकता है। रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा साल 2008 में लिया गया एक फैसला आज कंपनी को करीब 2200 प्रतिशत का शानदार रिटर्न दे गया है।
2008 में मंदी के दौर में लिया था बड़ा फैसला
साल 2008 में जब पूरी दुनिया के शेयर बाजार आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, उस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एशियन पेंट्स में 4.9 फीसदी हिस्सेदारी महज 500 करोड़ रुपये में खरीदी थी। यह कदम उस समय जोखिम भरा माना जा रहा था, लेकिन अंबानी की दीर्घकालिक सोच ने इसे एक बेहतरीन निवेश में बदल दिया।
17 साल बाद हिस्सेदारी बेचकर मिला भारी मुनाफा
अब 17 वर्षों के बाद रिलायंस ने इसी हिस्सेदारी का 3.6 प्रतिशत हिस्सा एसबीआई म्यूचुअल फंड को 7704 करोड़ रुपये में बेचा है। यह सौदा सिद्धांत कॉमर्शियल्स लिमिटेड के जरिये किया गया, जिसके तहत 3.5 करोड़ शेयर 2201 रुपये प्रति शेयर की दर से बेचे गए। इस हिसाब से कंपनी को करीब 23 गुना लाभ मिला है। बिक्री के बाद सिद्धांत कॉमर्शियल्स की हिस्सेदारी 4.9% से घटकर 1.26% रह गई, जबकि एसबीआई म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी बढ़कर 5.15% हो गई।
मंदी के दौर में किया गया निवेश बना मुनाफे की मिसाल
विशेष बात यह है कि बीते दो वर्षों में एशियन पेंट्स का प्रदर्शन कमजोर रहा है और इसके शेयर में करीब 32% की गिरावट आई है। देश का पेंट सेक्टर फिलहाल जबरदस्त प्रतिस्पर्धा और घटते मार्जिन से जूझ रहा है। एशियन पेंट्स, जो पहले इस उद्योग में अग्रणी रही, अब उसे जेएसडब्ल्यू पेंट्स और आदित्य बिड़ला ओपस जैसे नए प्रतिस्पर्धियों से कड़ी चुनौती मिल रही है।
धैर्य और दूरदर्शिता का मिला इनाम
यह निवेश और उसका समय साबित करता है कि धैर्यपूर्वक सोच-समझकर किया गया दीर्घकालिक निवेश बाजार में बड़ा मुनाफा दे सकता है। दिलचस्प बात यह भी है कि रिलायंस ने इस हिस्सेदारी को करीब पांच साल पहले बेचने की योजना बनाई थी, जब कंपनी रिटेल और टेलीकॉम विस्तार के लिए फंड जुटा रही थी। लेकिन उस समय हिस्सेदारी न बेचने का फैसला अब एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी साबित हुआ।
निवेश के लिए सबक
मुकेश अंबानी का यह निवेश मॉडल इस बात की मिसाल है कि अगर निवेशकों के पास दूरगामी सोच, धैर्य और समय के साथ निर्णय लेने की क्षमता हो, तो निवेश से अभूतपूर्व रिटर्न हासिल किया जा सकता है।