रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार सुबह 10 बजे मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति का ऐलान करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि हाल के महीनों में तीन बार 100 आधार अंकों की कटौती के बाद इस बार ब्याज दरों में किसी बदलाव की संभावना कम है। सोमवार से शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक में नीति दरों को लेकर मंथन जारी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई फिलहाल मौजूदा ब्याज दरों को बरकरार रख सकता है और अमेरिका की ओर से भारतीय उत्पादों पर 25 फीसदी आयात शुल्क लागू करने की घोषणा के बाद वह आगे के आर्थिक संकेतकों का इंतजार कर सकता है। हालांकि, उद्योग जगत के कुछ वर्गों को रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की भी उम्मीद है।
ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम
ग्रांट थॉर्नटन भारत में फाइनेंशियल सर्विसेज रिस्क के पार्टनर विवेक अय्यर का मानना है कि मौजूदा अस्थिर वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए एमपीसी किसी भी तरह की कटौती से परहेज कर सकती है। उन्होंने कहा कि टैरिफ संबंधी अनिश्चितताओं को पहले से ही दरों में की गई कटौती में ध्यान में रखा गया है, इसलिए इसका मौजूदा निर्णय पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
हाउसिंग सेक्टर को क्या उम्मीद?
आरईए इंडिया (हाउसिंग डॉट कॉम) के सीईओ प्रवीण शर्मा ने कहा कि चूंकि आरबीआई पहले ही 100 आधार अंकों की कटौती कर चुका है, इसलिए आने वाली नीति में स्थिति जस की तस रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, "कम ब्याज दरें हमेशा रियल एस्टेट सेक्टर के लिए फायदेमंद होती हैं, लेकिन आज के खरीदार अल्पकालिक दरों की बजाय दीर्घकालिक स्थिरता और आत्मविश्वास को प्राथमिकता देते हैं।" साथ ही उन्होंने बताया कि डेवलपर्स लचीली पेमेंट स्कीम्स और प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए मांग को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
मुद्रास्फीति और रेपो दर का समीकरण
सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है कि खुदरा मुद्रास्फीति को 4% (±2%) के दायरे में बनाए रखा जाए। एमपीसी की सिफारिशों के आधार पर फरवरी और अप्रैल में रेपो दर में 25-25 बेसिस पॉइंट तथा जून में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई थी। फरवरी 2025 से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर 4% से नीचे बनी हुई है, लेकिन जानकारों का मानना है कि केंद्रीय बैंक फिलहाल 5.5% की मौजूदा रेपो दर को स्थिर रखेगा और आगे किसी बदलाव से पहले व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार करेगा, विशेषकर अमेरिका द्वारा लगाए गए नए टैरिफ के आलोक में।
एमपीसी के सदस्य कौन हैं?
मौद्रिक नीति समिति में छह सदस्य होते हैं — आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता, कार्यकारी निदेशक राजीव रंजन और तीन बाहरी विशेषज्ञ सदस्य: डॉ. नागेश कुमार (नई दिल्ली स्थित औद्योगिक विकास अध्ययन संस्थान के निदेशक), सौगत भट्टाचार्य (अर्थशास्त्री) और डॉ. राम सिंह (दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक)।