पूर्वांचल के जनपद बलिया का समाचार है। रविवार को पूरे उत्तरप्र‌देश में जनता की समस्यायें मौके पर निपटाने की गर्ज से सरकारी कवायद हुई। बांसडीह तहसील मुख्यालय पर सम्पूर्ण समाधान दिवस पर जिला अधिकारी व पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे। ग्राम पिंडहरा निवासी सनोज गोंड भी अपनी पुरानी समस्या लेकर डी.एम. व एस.पी. के सामने उपस्थित हुआ। जमीन पर कुछ निर्माण का मसला था। ग्राम प्रधान और गांव के कुछ प्रतिष्ठित लोगों ने भी सुलझाना चाहा किन्तु बात नहीं बनी और सनोज गोंड ने इसे जिले के दोनों उच्च अधिकारियों के समक्ष पेश किया किन्तु पीड़ित उनके जवाबों व कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं हुआ और आत्महत्या के उद्देश्य से खुद को चाकू मार कर घायल हो गया।

यह तो नहीं कहा जा सकता कि आवेदक का पक्ष ही सही हो और अधिकारीगण उसी के हित में एकतरफा निर्णय करें किन्तु यह निरन्तर देखने में आ रहा है कि अधिकारी समस्याओं का समाधान नहीं कर पाते। 17 मार्च, 2024 को मुज़फ्फरनगर जनपद की चार तहसीलों सदर, जानसठ, खतौली, बुढ़ाना में आयोजित समाधान दिवस में पहुंची शिकायतों में से मात्र दो का ही समाधान निकल सका। सदर तहसील में प्रस्तुत 20 शिकायतों में से एक का भी समाधान नहीं हुआ।

‘देहात’ ने कई बार इस तमाशे पर सरकार के संचालकों का ध्यान आकर्षित किया है। इस सरकारी कवायद से शासन और आमजन दोनों को परेशानी होती है किन्तु परेशानी उठाकर कोई सुपरिणाम सामने नहीं आता।

हमारा माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह है कि वे लोकसभा चुनाव संपन्न होने के पश्चात शासन के मुख्य सचिव समेत सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाएं और जनपदों के जिला मजिस्ट्रेट व पुलिस अधीक्षकों को भी उस में शामिल करें। बैठक में निर्णय लिया जाए कि सम्पूर्ण समाधान दिवस कैसे प्रभावी और सार्थक हो सकता है।

गोविन्द वर्मा
संपादक 'देहात'