देश के सभी टी.वी. चैनलों और सोशल मीडिया पर 25 जुलाई को एक समाचार खूब प्रसारित हुसा। सबसे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव में अपने हैंडल पर एक पोस्ट डाली जिसमें उन्होंने लिखा कि आशिक अली नामक एक मुसलमान ने हरिद्वार में 6 कांवडियों को गंगा में डूबने से बचा लिया। अखिलेश ने इसके लिए आशिक अली की सराहना की।

सपा नेता के बाद कांग्रेस, आम आदमी पार्टी तथा खुद को सेक्युलर बताने वाले नेताओं ने आशिक अली आशिक अली और मुसलमान-मुसलमान चिल्लाना शुरू कर दिया। इंडिया टी.वी पर 25 जुलाई को एक दाढ़ी व गोल टोपी वाले मौलाना ने पहले तो आशिक अली की ‘बहादुरी’ की इस लिए जम कर तारीफ की कि उसने मुसलमान होते हुए भी 6 कांवड़ियों की जान बचा दी। इसके बाद मौलाना ने नरेन्द्र मोदी को कोसना शुरू किया और कहा कि मोदी-भारतीय जनता पार्टी साम्प्रदायिकता फैलाते हैं। दाढ़ी वाले ने आगे ऐसी बात कही जिसका सच्चाई से दूर का भी वास्ता न था। उसने कहा कि एक तरफ आशिक अली डूबते हुए कांवडियों को बचा लिया दूसरी तरफ कांवड़िये हरिद्वार से मुजफ्फरनगर तक मुसलमानों का उत्पीड़न कर रहे हैं।

अखिलेश तथा अन्य भाजपा विरोधी नेताओं तथा लाल दाढ़ी वाले मुल्ला ने 6 कांवड़ियों को डूबने की कहानी को साम्प्रदायिक रंग देकर लीपापोती करके पेश किया जब कि इसकी वास्तविकता कुछ और है। खुद आशिक अली ने अतिरंजित पोस्ट एवं गलत बयानी पर आश्चर्य प्रकट किया है।

प्राकृतिक तथा मानव जनित आपदा के समय संकटग्रस्त लोगों को बचाने के लिए 2005 में एनडीआरएफ- नेशनल डिझास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) का गठन किया था। इसी आधार पर उत्तराखंड सरकार ने एसडीआरएफ का गठन किया हुआ है। चूंकि हरिद्वार में करोड़ों शिवभक्त गंगाजल लेने आते हैं अतः वहां गंगा के घाटों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहती हैं।

हरिद्वार नगर के पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह के अनुसार 24 जुलाई को कांगड़ा घाट व बैरागी शिविर पर एसडीआरएफ की टीम ने अलग-अलग घटनाओं में 6 कांवड़ यात्रियों को डूबने से बचा लिया। इस टीम में एएसआई दीप‌क मेहता, आरक्षी विजय खरोला, रमेश भट्ट, सागर, दिनेश, राजेश, आशिक अली शामिल थे।

एसडीआरएफ टीम के सभी सदस्य कुशल तैराक है। आशिक अली गोताखोर है। जब अखिलेश और लाल दाढ़ी वाले मुल्ला ने बचाव कार्य को राजनीतिक रूप देने की कोशिश की तो आशिक अली ने सामने आकर माइक पर स्पष्ट किया कि डूब रहे शख्स को कोई अकेले नहीं बचा सकता। यह टीम वर्क है। मैं यदि डूब रहे व्यक्ति को निकाल कर लाता हूँ तो टीम के अन्य सदस्य उसे तीन ओर से धकेल कर नदी के किनारे लाते हैं। टीम के सदस्य अपने कर्त्तव्य का पालन करते हैं।

एसडीआरएफ टीम ने अपने कौशल व साहस से सन्दीप सिंह पुत्र जगराम निवासी गोरखपुर, गोविन्द सिंह पुत्र दुलाल सिंह निवासी खेडा रुद्रपुर, करण पुत्र सतबीर निवासी सदर तिकोना पार्क दिल्ली, अंकित पुत्र संजीव ग्राम भोपोली जिला पानीपत, अरुण राठौर निवासी ग्राम जलालपुर, जिला मुजफ्फरनगर को डूबने से बचा कर कर्त्तव्य पालन के साथ ही पुण्य भी कमाया। इसके लिए आशिक अ‌ली के साथ-साथ टीम के अन्य सदस्य भी बधाई के पात्र हैं।

अखिलेश, राहुल तथा देश में भाईचारे के माहौल में तुष्टीकरण का जहर घोलते समय झूठ बोलने या सच्चाई को तोड़-मरोड़ के पेश करने में जरा भी नहीं शर्माते। कुर्सी या सत्ता के लिए वे ऐसा करते हैं और तोहमत मोदी, योगी, भाजपा के सिर मढ़ते हैं। ऐसा करके वे मुस्लिमों का अहित ही कर रहे हैं।

गोविन्द वर्मा
संपादक 'देहात'