आईआईटी मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और उससे जुड़ी अंतरराष्ट्रीय मीडिया कवरेज पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कई विदेशी समाचार संस्थानों ने भारत के सैन्य अभियान को लेकर भ्रामक और तथ्यों से परे रिपोर्टें प्रकाशित की हैं।

डोभाल ने स्पष्ट किया कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के नौ आतंकी ठिकानों को बेहद सटीकता के साथ निशाना बनाया और इनमें से एक भी चूक नहीं हुई। उन्होंने कहा, "कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि पाकिस्तान ने भारत को भारी नुकसान पहुंचाया, लेकिन क्या आप एक भी ऐसी तस्वीर दिखा सकते हैं, जिसमें भारत की किसी इमारत को नुकसान हुआ हो? एक शीशा भी टूटा हो?"

उन्होंने बताया कि कुछ विदेशी मीडिया हाउसों ने 10 मई से पहले और बाद की उपग्रह तस्वीरें जारी कीं, जिनमें पाकिस्तान के सरगोधा, रहीम यार खान और चकलाला जैसे एयरबेस शामिल थे। डोभाल ने दोहराया कि भारत में यह सामर्थ्य है कि वह जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान के एयरबेस को नुकसान पहुंचा सकता है।

डोभाल ने आत्मनिर्भरता पर बल देते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में बड़ी मात्रा में स्वदेशी तकनीक और संसाधनों का इस्तेमाल किया गया, जिससे यह अभियान पूरी तरह सफल रहा। "हमने नौ आतंकी अड्डों को टारगेट किया जो सीमा के पास नहीं थे, बल्कि भीतर मौजूद थे। हर ठिकाने की पहचान पुख्ता जानकारी के आधार पर की गई थी और पूरे अभियान में केवल 23 मिनट लगे," उन्होंने बताया।

उन्होंने आगे कहा कि भारत केवल एक राज्य नहीं, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता है जो हजारों वर्षों से अस्तित्व में है। "हमारे पूर्वजों ने विपरीत परिस्थितियों का सामना कर इस राष्ट्र की चेतना को जिंदा रखा है। आज हमारा कर्तव्य है कि हम इस धरोहर को सुरक्षित रखें।"

ऑपरेशन सिंदूर: एक जवाब, जिसने सीमा पार भेजा सख्त संदेश

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी। हमलावरों ने पीड़ितों की धार्मिक पहचान कर टारगेट किया। इस हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। इसके अलावा, पाकिस्तान के नौ एयरबेस को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया।

बाद में लीक हुए एक पाकिस्तानी दस्तावेज़ से भी यह संकेत मिला कि भारतीय हमले में निशाना बनाए गए ठिकानों की संख्या पहले बताए गए आंकड़ों से कहीं अधिक थी।