पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा समितियों को सरकारी सहायता दिए जाने को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक पूजा समिति को ₹1.10 लाख देने की घोषणा के बाद भाजपा ने इसे धार्मिक आधार पर राजनीति करने का प्रयास बताया है।
‘धर्म के नाम पर अनुदान नहीं, विकास पर हो फोकस’: भाजपा विधायक
भाजपा की प्रदेश महासचिव और आसनसोल दक्षिण से विधायक अग्निमित्रा पॉल ने सरकार के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “सरकार का दायित्व मंदिर बनवाना या पूजा के लिए पैसे देना नहीं है। यह स्पष्ट करता है कि राज्य की प्राथमिकताएं क्या हैं। ममता बनर्जी बुनियादी विकास कार्यों जैसे सड़क निर्माण और रोजगार सृजन को दरकिनार कर, धार्मिक आधार पर लाभ बांटने में लगी हैं।”
उन्होंने चेताया कि अगर सरकार एक समुदाय के धार्मिक आयोजनों को प्रोत्साहन देगी, तो अन्य समुदायों से भी ऐसी ही मांगें उठेंगी। साथ ही यह भी कहा कि दीघा में जगन्नाथ मंदिर निर्माण जैसे उदाहरणों के बाद सरकार को यह समझना चाहिए कि धार्मिक तुष्टीकरण की नीति सभी के लिए असंतुलन पैदा कर सकती है। उन्होंने मांग की कि सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में प्राथमिकता देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने की थी अनुदान योजना की घोषणा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को घोषणा की थी कि राज्य की करीब 40,000 दुर्गा पूजा समितियों को ₹1.10 लाख प्रति समिति के हिसाब से आर्थिक सहायता दी जाएगी। पिछली बार यह राशि ₹85,000 थी। उन्होंने यह भी बताया कि पूजा आयोजनों से जुड़ी नगर निकायों, पंचायतों और अन्य विभागों द्वारा लगाई जाने वाली फीस या सेवा शुल्क को माफ किया जाएगा।