आगामी मानसून सत्र को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निवास पर शुक्रवार को भाजपा के शीर्ष नेताओं की एक अहम बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू, मनोहर लाल, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, एल. मुरुगन, अर्जुन राम मेघवाल और सीआर पाटिल जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए। इसमें संसद सत्र से पहले की रणनीतियों और संभावित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलने वाला है। स्वतंत्रता दिवस समारोह के कारण 13 और 14 अगस्त को कोई बैठक नहीं होगी।
महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार की रणनीति
बैठक में सरकार ने उन प्रमुख विषयों पर अपनी रणनीति तय की, जिन पर विपक्ष द्वारा सदन में विरोध की संभावना जताई जा रही है। इनमें बिहार की मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर शामिल हैं। रविवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से पहले यह बैठक सरकार की तैयारी का हिस्सा मानी जा रही है।
हंगामेदार हो सकता है सत्र
यह सत्र ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जिसके कारण इसके हंगामेदार रहने के आसार हैं। साथ ही, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की भी चर्चा है।
विपक्ष उठा सकता है यह मुद्दे
विपक्ष एसआईआर और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग कर रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि एसआईआर जैसी प्रक्रिया का उपयोग भाजपा को चुनावी लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता संबंधी पुराने दावे को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है।
इन विधेयकों पर रहेगी नजर
सरकार आगामी सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पेश कर सकती है, जिनमें मणिपुर जीएसटी संशोधन विधेयक, जन विश्वास विधेयक, भारतीय प्रबंधन संस्थान संशोधन विधेयक, कराधान विधि संशोधन विधेयक, भू-विरासत संरक्षण विधेयक, खनन कानून संशोधन, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक शामिल हैं। इसके अलावा, गोवा में अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण से संबंधित विधेयक, मर्चेंट शिपिंग विधेयक और भारतीय बंदरगाह विधेयक भी पेश किए जाने की संभावना है।
पिछले सत्र की उत्पादकता
बीते बजट सत्र की बात करें तो लोकसभा की कार्यक्षमता मात्र 18% रही, जबकि राज्यसभा की उत्पादकता 119% दर्ज की गई। इस दौरान दोनों सदनों में 16 विधेयक पारित किए गए, जिनमें वक्फ संशोधन विधेयक 2025 प्रमुख था। हालांकि सत्र के दौरान विपक्ष के विरोध के कारण कई बार कार्यवाही बाधित भी हुई।