भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा के पूर्व सांसद आर.के. सिंह को पार्टी से निलंबित करते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। भाजपा ने उनसे कारण पूछा है कि आखिर क्यों न उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाए।

भाजपा द्वारा जारी आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि आर.के. सिंह की हालिया गतिविधियाँ पार्टी की अनुशासन प्रणाली के खिलाफ हैं और इससे संगठन की छवि को नुकसान पहुंचा है। पत्र में उन्हें निलंबित करते हुए एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करने का निर्देश दिया गया है।

आर.के. सिंह पर कार्रवाई की मुख्य वजह उनका हाल ही में जारी वह वीडियो बताया जा रहा है, जिसमें उन्होंने एनडीए के कुछ प्रत्याशियों को वोट न देने की अपील की थी। वीडियो में उन्होंने कहा था कि आपराधिक पृष्ठभूमि या भ्रष्टाचार से जुड़े किसी भी उम्मीदवार को जनता समर्थन न दे, चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय का क्यों न हो। उन्होंने यह भी कहा था कि अपराधियों को चुनने से बिहार का विकास बाधित होगा।

इसके साथ ही उन्होंने राज्य के उपमुख्यमंत्री और तारापुर से एनडीए प्रत्याशी सम्राट चौधरी पर भी सवाल उठाए थे। वीडियो में उन्होंने दावा किया था कि सम्राट चौधरी पर हत्या और उम्र संबंधी दस्तावेजों में हेरफेर के आरोप लगे हैं, जिन पर अब तक स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। उन्होंने प्रशांत किशोर के आरोपों का उल्लेख करते हुए पार्टी नेताओं से जवाबदेही की मांग भी की थी।