मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस ने भाजपा पर राष्ट्रीय गीत 'वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भाजपा झूठा प्रचार कर रही है कि कांग्रेस के मुस्लिम विधायक गीत का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायक अस्लम शेख और अमीन पटेल दोनों ने कभी गीत से कोई आपत्ति नहीं जताई। सावंत ने कहा, "अगर भाजपा नेता वंदे मातरम गाना चाहते हैं, तो वे हमारे दफ्तर के अंदर आकर गाएं, बाहर तमाशा न करें।"
भाजपा की विभाजनकारी राजनीति पर निशाना
सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि भाजपा जानबूझकर मुस्लिम विधायकों को निशाना बनाकर समाज में धार्मिक तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राष्ट्रीय गौरव से जुड़े गीत को भी सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है। इससे भाजपा की विभाजनकारी राजनीति उजागर होती है।"
‘वंदे मातरम’ कांग्रेस की आत्मा का हिस्सा
सावंत ने कहा कि 'वंदे मातरम' कांग्रेस के लिए त्याग और गर्व का प्रतीक है। "जब हमारे स्वतंत्रता सेनानी इसे ब्रिटिश राज के खिलाफ गा रहे थे, तब आरएसएस का अस्तित्व भी नहीं था। जो लोग कभी संविधान का विरोध करते थे और 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया, वे आज खुद को देशभक्त बता रहे हैं। भाजपा के लिए यह सिर्फ चुनावी नारा बन गया है।"
कांग्रेस विधायक अमीन पटेल का बयान
अमीन पटेल ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके कार्यालय के बाहर गीत गाने आने वाले कार्यकर्ताओं का स्वागत करेंगे। उन्होंने कहा, "भाजपा को केवल चुनाव के समय ही वंदे मातरम याद आता है। देशभक्ति हमारी रगों में है।"
पीएम के बयान पर संदीप दीक्षित का तंज
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने पीएम मोदी के 'वंदे मातरम' से कुछ छंद हटाने के बयान पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि इसे समझने में पीएम मोदी असमर्थ हैं और कांग्रेस को ऐसे आरोपों का जवाब देने की जरूरत नहीं। दीक्षित ने ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए बताया कि गीत के चयन में पंडित नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने भी भाग लिया था और गीत में किसी सांप्रदायिक तत्व को शामिल नहीं किया गया।