कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले की अंतरिम याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। सोसले को 6 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। मामला RCB के 2025 आईपीएल विजय जश्न से जुड़ा है। अदालत ने आयोजन से संबंधित कंपनी डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारियों सुनील मैथ्यू, किरण कुमार एस और शमंत एन पी माविनाकेरे की याचिकाओं पर भी निर्णय सुरक्षित रखा है।
करीब चार घंटे चली सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार ने कहा कि अंतरिम राहत पर आदेश अगली सुनवाई में दोपहर 2:30 बजे सुनाया जाएगा।
एफआईआर और संस्थाओं की जिम्मेदारी को लेकर बहस
सोसले की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संदेश चौटा ने दलील दी कि जब प्राथमिकी में किसी संस्था का नाम हो, तो उसके कर्मचारियों के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई नहीं की जा सकती।
राज्य सरकार की दलील: नहीं ली गई थी पूर्व अनुमति
सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि RCB की ओर से विजय परेड आयोजित करने के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी। टीम ने केवल एक सूचना पत्र भेजा, जिसमें आयोजन की जानकारी दी गई थी, लेकिन विधिवत अनुमति नहीं मांगी गई।
महाधिवक्ता के अनुसार, 3 जून की रात 11:30 बजे RCB ने सोशल मीडिया के जरिए विजय परेड की घोषणा की, जबकि इससे पहले शाम 6:30 बजे कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) ने केवल एक सामान्य सूचना दी थी। 4 जून की सुबह RCB के आधिकारिक सोशल मीडिया खातों से विधान सौध से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक विजय परेड की जानकारी साझा की गई, जिसे लाखों लोगों ने देखा।
लाइसेंस और नियमों का उल्लंघन
शेट्टी ने तर्क दिया कि इस तरह के आयोजन के लिए दो अलग-अलग प्रकार की अनुमति आवश्यक होती है—एक स्टेडियम में सभा के लिए और दूसरी सार्वजनिक कार्यक्रम हेतु। उन्होंने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए दावा किया कि RCB ने बिना अनुमति के जनसामान्य को आमंत्रित किया और यह पूरी प्रक्रिया अवैध थी।
कानूनी धाराएं और आरोप
महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि यह आयोजन बिना विधिक मंजूरी के किया गया, इसलिए यह भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (अब धारा 223 बीएनएस) और कर्नाटक पुलिस अधिनियम के अंतर्गत दंडनीय है। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजक अदालत में तथ्यों को छिपाकर पहुंचे हैं और राज्य सरकार की भूमिका को गलत तरीके से दर्शाया गया है, जबकि पूरा कार्यक्रम RCB द्वारा आयोजित किया गया था।