नई दिल्ली। गोवा में हुए भीषण नाइटक्लब अग्निकांड मामले में वांछित सौरभ और गौरव लूथरा को दिल्ली की एक अदालत ने गोवा पुलिस की हिरासत में भेजने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने दोनों भाइयों को 48 घंटे की ट्रांजिट रिमांड पर सौंपते हुए उन्हें गोवा ले जाकर स्थानीय अदालत में पेश करने का आदेश दिया है।
लूथरा बंधुओं को मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले, थाईलैंड से निर्वासन के बाद उनके दिल्ली पहुंचते ही इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गोवा पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
सुनवाई के दौरान दोनों आरोपी अपने परिजनों को देखकर भावुक हो गए और कोर्ट परिसर में उनकी आंखें नम दिखीं। अधिकारियों के अनुसार, दोनों को आपातकालीन यात्रा दस्तावेजों के आधार पर बैंकॉक से भारत लाया गया और वे दोपहर करीब 2 बजे दिल्ली पहुंचे थे।
जांच एजेंसियों का कहना है कि 6 दिसंबर को नाइटक्लब में आग लगने की घटना के कुछ घंटों बाद ही दोनों भाई देश छोड़कर थाईलैंड चले गए थे, जबकि उस समय बचाव और राहत कार्य जारी थे। बाद में थाई अधिकारियों ने उन्हें तय अवधि से अधिक समय तक बिना वैध दस्तावेजों के रहने के आरोप में हिरासत में लिया था।
इस बीच, नई दिल्ली स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उनके यात्रा दस्तावेजों को लेकर नोटिस जारी किया था। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए दोनों के पासपोर्ट जब्त कर लिए, जिससे भारत वापसी का रास्ता साफ हुआ। भारत और थाईलैंड के बीच प्रत्यर्पण समझौते के तहत उन्हें देश वापस लाया गया।
गौरतलब है कि 6 दिसंबर की रात करीब पौने बारह बजे नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय क्लब में 150 से अधिक लोग मौजूद थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कार्यक्रम के दौरान इस्तेमाल किए गए बिजली के पटाखों की चिंगारियां लकड़ी की छत से टकराने के बाद आग भड़की और तेजी से फैल गई।
गोवा पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि संबंधित नाइटक्लब आवश्यक अनुमतियों के बिना संचालित हो रहा था और उसका लाइसेंस लंबे समय से नवीनीकृत नहीं कराया गया था। इसके बावजूद किसी प्रकार की सख्त कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले में अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें क्लब से जुड़े वरिष्ठ प्रबंधन कर्मी और अन्य साझेदार शामिल हैं।