पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को झटका देते हुए 1 अगस्त से भारतीय आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने और अतिरिक्त आर्थिक दंड की चेतावनी दी है। उनके इस निर्णय से अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मच गई है।
ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर कहा कि भारत, अमेरिकी उत्पादों पर अधिक शुल्क लगाता है और रूस से ऊर्जा व रक्षा उपकरणों की खरीद भी कर रहा है। उन्होंने कहा, “भारत हमारा मित्र हो सकता है, लेकिन वह चीन के बाद रूस से तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश है। ऐसे समय में जब दुनिया रूस को यूक्रेन में हमले रोकने के लिए कह रही है, भारत का ऐसा रवैया अनुचित है।”
भारत सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रीय हित से कोई समझौता नहीं करेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने संसद में कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक बातचीत चल रही है और भारत अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा करता रहेगा। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क को लेकर बातचीत के कई दौर हो चुके हैं और भारत वैश्विक व्यापार में 16 प्रतिशत योगदान देने वाला देश बन चुका है।
गोयल ने यह भी जोड़ा कि भारत आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर है और जो भी कदम उठाए जाएंगे, वह देश के हित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे।
इस बीच, विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका के सामने इंदिरा गांधी जैसी दृढ़ता दिखानी चाहिए। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ट्रंप द्वारा टैरिफ और जुर्माना लगाने की घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि ‘हाउडी मोदी’ जैसे आयोजनों का कोई वास्तविक असर नहीं पड़ा।