तेलंगाना जागृति की अध्यक्ष और एमएलसी के. कविता ने रविवार को दावा किया कि उनके खिलाफ की गई अनुचित टिप्पणियों के पीछे उनकी ही पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का हाथ है। उनके इस बयान के बाद भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में चल रहे आंतरिक मतभेद एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं।
हालांकि उन्होंने उन टिप्पणियों का विवरण नहीं दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि जब उनके विरुद्ध बातें कही गईं, तो पूरे तेलंगाना में लोगों ने प्रतिक्रिया दी, लेकिन बीआरएस के कई नेता चुप्पी साधे रहे। उन्होंने सवाल किया, “जब मेरे खिलाफ गलत बयान दिए गए, तो मेरे अपने ही साथी खामोश क्यों रहे?”
कविता ने आरोप लगाया कि उन्हें यह स्पष्ट जानकारी है कि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने योजनाबद्ध ढंग से यह सब करवाया। उनके अनुसार, “जो लोग मेरे खिलाफ साजिश रच रहे हैं, वे यह सोचकर भ्रम में हैं कि मेरे समर्थकों के बीच अपने लोगों को भेजकर मुझसे जुड़ी जानकारियां इकट्ठा कर लेंगे। लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि मुझे भी संगठन के भीतर की बातें मालूम हैं।”
बीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता ने आगे कहा, “मुझे यह पता है कि आप किन लोगों से मिले, किसे मेरे खिलाफ भड़काया और किस हद तक जाकर एक महिला को निशाना बनाया। मैं यह सब देख रही हूं। मैं कर्म में विश्वास करती हूं और जो लोग मुझे टारगेट कर रहे हैं, उन्हें इसका फल अवश्य मिलेगा।”
उन्होंने पार्टी के एक ‘छोटे स्तर’ के नेता पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने नालगोंडा जिले में संगठन को नुकसान पहुंचाया और उनके प्रति आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया। कविता ने सवाल किया, “क्या बीआरएस में केसीआर के बिना किसी की कोई पहचान बन पाती? हमें जनता से मिलवाने का श्रेय सिर्फ केसीआर को जाता है।”
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मई में भी बीआरएस में अंदरूनी टकराव खुलकर सामने आया था, जब कविता ने अपने पिता केसीआर को लिखे निजी पत्र के लीक होने पर नाराजगी जाहिर की थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि पार्टी में गहरी साजिशें रची जा रही हैं और केसीआर को उन्होंने चारों ओर से राक्षसों से घिरे भगवान की उपमा दी थी।