प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लौह अयस्क के अवैध निर्यात से जुड़े धन शोधन मामले में गोवा, मुंबई, कारवार और दिल्ली में बड़ी कार्रवाई की है। धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत 13 और 14 अगस्त को चलाए गए तलाशी अभियान में ईडी ने 1.68 करोड़ रुपये नकद, 6.75 किलोग्राम सोना और 14.13 करोड़ रुपये के बैंक खातों को फ्रीज किया।
बेंगलुरु जोनल कार्यालय की टीम ने कारवार विधायक सतीश कृष्ण सैल और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ यह कार्रवाई की। सतीश सैल को पहले ही लौह अयस्क के अवैध निर्यात के मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। ईडी की जांच भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज अपराधों पर आधारित है।
जांच में सामने आया कि सैल ने 2010 में बेलेकेरी बंदरगाह के अधिकारियों और कुछ व्यावसायिक संस्थाओं के साथ मिलकर 1.25 लाख मीट्रिक टन लौह अयस्क का अवैध निर्यात किया, जिसका मूल्य 86.78 करोड़ रुपये आंका गया। यह अयस्क अकोला वन विभाग के जब्ती आदेशों के अधीन था।
छापेमारी में बरामदगी:
- सतीश सैल के आवास से 1.41 करोड़ रुपये नकद।
- लाल महल लिमिटेड के कार्यालय से 27 लाख रुपये नकद।
- सैल परिवार के बैंक लॉकर से 6.75 किलोग्राम सोने के आभूषण और सिक्के।
- संबंधित कंपनियों के बैंक खातों में जमा 14.13 करोड़ रुपये फ्रीज।
तलाशी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज, ईमेल और अन्य रिकॉर्ड भी जब्त किए गए, जो जांच को और मजबूत करेंगे। ईडी ने बताया कि कार्रवाई अवैध निर्यात और धन शोधन के नेटवर्क को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
ईडी की जांच जारी है और सतीश सैल व अन्य संलिप्त व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी। यह मामला अवैध खनन और निर्यात के बड़े रैकेट से जुड़ा हुआ माना जा रहा है।