महाराष्ट्र के पूर्व खेल मंत्री मणिकराव कोकाटे ने आखिरकार मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इस कदम की जानकारी उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने साझा की, जिनका कहना है कि न्यायालय के आदेश के बाद कोकाटे ने उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। अजित पवार ने कहा कि पार्टी के सिद्धांतों के अनुसार कानून का शासन सर्वोपरि है और उन्होंने सैद्धांतिक तौर पर इस्तीफा स्वीकार कर मुख्यमंत्री को उचित विचार और स्वीकृति के लिए भेज दिया है।
उपमुख्यमंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि जनजीवन संवैधानिक नैतिकता, संस्थागत अखंडता और न्यायपालिका के सम्मान पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य में कानून व्यवस्था का पालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाएगा और लोकतांत्रिक मूल्यों को कायम रखा जाएगा।
राज्यपाल ने अजित पवार को सौंपा मंत्रालय का प्रभार
बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार को खेल एवं युवा मामलों, अल्पसंख्यक मामलों और वक्फ मंत्रालय का कार्यभार सौंपा। ये मंत्रालय पहले मणिकराव कोकाटे के पास थे। इससे पहले कोकाटे बिना पोर्टफोलियो के मंत्री बने हुए थे।
धोखाधड़ी के आरोप में कोकाटे फंसे
नासिक सत्र न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि कोकाटे ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षित फ्लैट आवंटित कराने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए और राज्य सरकार को धोखा दिया। इससे उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ, जिसके बाद इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया। यह मामला 1997 में पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले द्वारा दायर याचिका से शुरू हुआ था।
सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका
मणिकराव कोकाटे ने अपनी सजा के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनके अधिवक्ता अनिकेत निकम ने न्यायमूर्ति आरएन लड्ढा की एकलपीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया, जिसके बाद पीठ ने याचिका को शुक्रवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।