बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को मिले प्रचंड जनादेश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल को भाजपा का अगला लक्ष्य बताते हुए सियासी माहौल गर्म कर दिया है। उनके बयान के बाद बंगाल की राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में कहा था कि “गंगा बिहार से बंगाल तक बहती है। बिहार के परिणामों ने बंगाल में भाजपा की जीत का रास्ता खोल दिया है। अब हम वहां भी जंगल राज का अंत करेंगे।”
पीएम के इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
टीएमसी का पलटवार: ‘भ्रम में न रहें प्रधानमंत्री’
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री शशि पांजा ने प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा को बंगाल में सत्ता की कोई संभावना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्य को मिलने वाली वित्तीय सहायता रोकी है, जिससे विशेषकर महिलाओं को मिलने वाली योजनाओं के लाभ प्रभावित हुए हैं।
पांजा ने कहा, “प्रधानमंत्री ने बंगाल की महिलाओं का अपमान किया है। भाजपा यहां महिलाओं के सम्मान और हितों में बाधा डाल रही है। इसलिए यहां उनकी जीत दूर की बात है।”
उन्होंने आगे कहा कि बंगाल में भाजपा को ‘बंगाल विरोधी जमींदार’ के रूप में देखा जाता है, और जनता आगामी विधानसभा चुनाव में उपयुक्त जवाब देगी।
भाजपा का जवाब: ‘राज्य में अराजकता चरम पर’
टीएमसी के आरोपों पर भाजपा ने भी तीखा पलटवार किया है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री का बयान बिल्कुल सटीक है, क्योंकि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
उन्होंने कहा, “बंगाल की जनता अब तृणमूल सरकार से मुक्ति चाहती है। लोग बदलाव के लिए तैयार हैं।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष ने भी कहा कि प्रधानमंत्री ने जो संकेत दिया है, वह आने वाले समय की दिशा तय करता है।
उनके अनुसार, “बंगाल में बदलाव अनिवार्य है और जनता इसका निर्णय करेगी। अब बंगाल की बारी है।”