अमेरिकी टैरिफ से जलीय किसानों पर असर की आशंका, नायडू ने जताई चिंता

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए 25 प्रतिशत टैरिफ को लेकर गहरी चिंता जताई है। शनिवार को दारसी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस निर्णय का असर राज्य के जलीय किसानों पर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

नायडू ने पीएम किसान – अन्नदाता सुखी भव योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि टैरिफ वृद्धि से जलीय उत्पादों के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे राज्य के मत्स्य पालकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और जल्द ही समाधान पर चर्चा कर कार्य योजना तैयार की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार जलीय किसानों को प्रति यूनिट 1.50 पैसे की दर से सब्सिडी पर बिजली उपलब्ध कराती है। उन्होंने यह भी कहा कि पहले मछुआरों को 10,000 रुपये की सहायता दी जाती थी, जिसे अब बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दिया गया है। मत्स्यकारा सेवा योजना के तहत अब तक एक लाख से अधिक लाभार्थियों को सहायता प्रदान की जा चुकी है।

सीएम नायडू ने केंद्र सरकार से भी अपील की है कि वह अमेरिकी टैरिफ से जलीय किसानों को राहत दिलाने के लिए हस्तक्षेप करे। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर अमेरिकी प्रशासन से शुल्कों में छूट दिलाने का आग्रह किया है।

गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 31 जुलाई को भारतीय उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। वहीं, पाकिस्तान और बांग्लादेश पर क्रमशः केवल 19% और 20% टैरिफ लगाया गया है, जिससे भारत के लिए प्रतिस्पर्धा और चुनौती दोनों बढ़ गई हैं।

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