ईरान पर किए गए हवाई हमलों के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के प्रयास में जुट गए हैं। शुक्रवार को नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं से संपर्क किया। इस जानकारी की पुष्टि उनके कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में की गई।
भारत, जर्मनी और फ्रांस से संपर्क में नेतन्याहू
नेतन्याहू ने जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से बातचीत की है। कार्यालय के अनुसार, वह जल्द ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से भी संवाद करेंगे। इन चर्चाओं के केंद्र में ईरान से मिल रही धमकियों के बीच इजराइल की सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं रहीं।
भारत की अपील – संयम बरतें दोनों देश
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि नई दिल्ली स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और दोनों देशों से तनाव न बढ़ाने की अपील की है।
IDF ने ईरान में किया ‘सटीक’ हमला
इससे पहले इजराइल डिफेंस फोर्स (IDF) ने पुष्टि की कि ईरान में एक ‘पूर्वनियोजित और सटीक’ हवाई हमला किया गया है। IDF के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डैफरीन के अनुसार, यह कार्रवाई ईरान के परमाणु कार्यक्रम को कमजोर करने और इजराइल के खिलाफ उसकी आक्रामक गतिविधियों की प्रतिक्रिया में की गई।
उन्होंने बताया कि खुफिया रिपोर्टों से संकेत मिला था कि ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम में पहले से कहीं ज्यादा आगे बढ़ चुका है। इसी के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई ताकि ईरान को निकट भविष्य में परमाणु बम बनाने से रोका जा सके।
“हमारे पास कोई विकल्प नहीं था” – IDF प्रवक्ता
IDF प्रवक्ता ने जोर दिया कि यह हमला केवल इजराइल के अस्तित्व की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी आवश्यक था। उन्होंने कहा कि ईरानी शासन लंबे समय से इजराइल को मिटाने की धमकियां देता रहा है और इसे अब और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनका कहना था, “हम अपने देश, लोगों और आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसे हर खतरे का जवाब देना हमारा अधिकार है।”