तमिलनाडु में चल रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर 2 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। याचिका में दावा किया गया है कि राज्य में SIR लागू करने का निर्णय अनुचित है और इससे मतदाता सूची में संशोधन की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से मामले की तत्काल सुनवाई की मांग की गई, जिस पर मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने स्पष्ट किया कि तमिलनाडु का मामला केरल से जुड़ी याचिका से अलग है, हालांकि दोनों का विषय समान प्रकृति का है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 2 दिसंबर तय की है।
केरल ने भी SIR स्थगित करने की मांग उठाई
SIR प्रक्रिया बिहार के बाद केरल–तमिलनाडु सहित देश के 12 राज्यों में जारी है। इसी बीच, केरल सरकार ने 18 नवंबर को अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर स्थानीय निकाय चुनावों के समाप्त होने तक इस प्रक्रिया को टालने की मांग की। राज्य ने तर्क दिया कि 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक चलने वाली यह प्रक्रिया अत्यंत जटिल और संसाधन-प्रधान है, जो 9 और 11 दिसंबर को होने वाले निकाय चुनावों की तैयारियों में बाधा डाल सकती है।
सरकार ने यह स्पष्ट किया कि SIR की संवैधानिक वैधता पर उसकी अलग याचिका लंबित है; वर्तमान याचिका सिर्फ प्रक्रिया के समय-निर्धारण को लेकर है।
SIR के दबाव को लेकर विरोध तेज, BLO की आत्महत्या से मामला गर्माया
SIR को लेकर कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। केरल में एक बूथ लेवल अधिकारी (BLO) की आत्महत्या के बाद इस प्रक्रिया पर सवाल और तेज हो गए। आरोप है कि अत्यधिक कार्यभार और दबाव के चलते यह घटना हुई। इसके बाद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने भी SIR के खिलाफ याचिका दायर कर दी है।