आधार कार्ड और वोटर आईडी को आपस में जोड़ने की कांग्रेस की हालिया मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस प्रस्ताव का पार्टी ने संसद में विरोध किया था, अब उसी की पैरवी कर रही है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर 2021 की एक घटना को याद दिलाते हुए लिखा कि उस समय मोदी सरकार ने वोटर कार्ड को आधार से स्वैच्छिक रूप से लिंक करने की पहल की थी। इस पर कांग्रेस नेताओं ने संसद में जमकर विरोध जताया था और कहा था कि आधार का उपयोग केवल सरकारी योजनाओं के लाभ के वितरण के लिए किया जाना चाहिए, न कि पहचान सत्यापन के लिए।
मालवीय ने कटाक्ष करते हुए कहा, “अब 2025 में वही कांग्रेस वोटर आईडी सत्यापन के लिए आधार की मांग कर रही है। वही आधार, वही वोटर आईडी… फर्क सिर्फ यह है कि अब यह कांग्रेस के एजेंडे में है। यह राजनीतिक अवसरवाद और पाखंड का स्पष्ट उदाहरण है।”
सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट की जांच पर सुनाया फैसला
इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में मतदाता सूची की विशेष पुनः जांच जारी रखने की अनुमति दे दी। यह प्रक्रिया राज्य में आगामी चुनावों को देखते हुए शुरू की गई है। कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन अहम बिंदुओं पर जवाब मांगा है, जिनमें आधार, राशन कार्ड और वोटर आईडी को पहचान के वैकल्पिक दस्तावेजों के रूप में मान्यता देने की बात शामिल है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने चुनाव आयोग से कहा कि वह पहचान के लिए इन दस्तावेजों को स्वीकार करने पर विचार करे। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को निर्धारित की गई है। विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि यह कई वैध मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित कर सकती है।