केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि उन्हें चुनाव प्रक्रिया को लेकर कोई आपत्ति है, तो उन्हें इसे चुनाव आयोग के समक्ष उठाना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तथ्यों की अनदेखी करने और देश की संवैधानिक संस्थाओं की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया।
पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में मेघवाल ने कहा कि सरकार बार-बार विपक्ष से संसद की कार्यवाही शांतिपूर्वक चलाने की अपील कर रही है, लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी का रवैया समझ से परे है।
मतदाता सूची पर बहस की मांग का जवाब
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर राहुल गांधी द्वारा संसद में चर्चा की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए मेघवाल ने सुझाव दिया कि विपक्ष को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ के उदाहरण को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जाखड़ ने एक बार चुनाव आयोग पर चर्चा की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और इस पर संसद में चर्चा उचित नहीं।
गोवा में एसटी समुदाय के लिए सीट आरक्षण पर प्रतिक्रिया
गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटें आरक्षित करने संबंधी विधेयक पर उन्होंने कहा कि राज्य में इस वर्ग की जनसंख्या बढ़ी है, लेकिन वर्तमान में इस समुदाय का कोई विधायक नहीं है। सरकार जो विधेयक ला रही है, उसके जरिए विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा। मेघवाल ने कहा कि विपक्ष इस अहम मुद्दे पर भी चर्चा से बच रहा है।
सीआईएसएफ तैनाती पर विरोध को बताया अनुचित
राज्यसभा के वेल में सीआईएसएफ की तैनाती को लेकर विपक्ष की आपत्तियों पर मेघवाल ने स्पष्ट किया कि यह फैसला संसद के सुरक्षा संबंधी मामलों को लेकर लिया गया था और इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति द्वारा लिया गया था, खासकर उस घटना के बाद जिसमें दो लोगों ने दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में प्रवेश किया था।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से जुड़े मामले पर प्रतिक्रिया
जब उनसे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के आवास से कथित रूप से भारी नकदी बरामद होने के मामले में चल रही कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो मेघवाल ने कहा कि यह मामला इस समय लोकसभा अध्यक्ष के पास विचाराधीन है।