सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आवारा कुत्तों के मामलों में बड़ा आदेश जारी किया है। अदालत ने कहा कि इन्हें खुले में नहीं छोड़कर शेल्टर होम्स में रखा जाए। इस फैसले पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं—कुछ लोग इसे सही मान रहे हैं, जबकि कुछ उच्च न्यायालय के निर्णय से असंतुष्ट हैं। इसी बीच, भारतीय वनडे टीम के कप्तान रोहित शर्मा की पत्नी रितिका सजदेह ने भी अपनी राय व्यक्त की।
‘जो खतरा कहते हैं, हम धड़कन…’
रितिका ने मंगलवार को इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, “आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से हर आवारा कुत्ते को उठाकर बंद करने का आदेश दिया। न धूप, न आजादी, न ही वह चेहरा जिसे ये हर सुबह पहचानते हैं। लेकिन ये सिर्फ आवारा कुत्ते नहीं हैं। ये चाय की दुकान के बाहर बिस्किट के लिए आपका इंतजार करते हैं, दुकानदारों के लिए साइलेंट गार्ड हैं, और बच्चों के स्कूल जाने पर उनकी खुशी में शामिल होते हैं। कुछ परेशानियां हो सकती हैं—काटना, सुरक्षा की चिंता। लेकिन पूरे समुदाय को केज में बंद करना समाधान नहीं है। असली उपाय है—नसबंदी कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, कम्यूनिटी फीडिंग जोन और गोद लेने के अभियान। पशुओं को सजा देना या कैद करना सही नहीं। जो समाज अपने बेजुबानों को नहीं बचा सकता, वह अपनी इंसानियत खो रहा है। आज कुत्ते हैं, कल कौन होगा? अपनी आवाज उठाइए, क्योंकि उनके पास खुद की आवाज नहीं है।”
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सर्वोच्च न्यायालय ने आवारा कुत्तों के काटने और रेबीज के मामलों को देखते हुए निर्देश दिया कि दिल्ली और आसपास के शहरों से छह से आठ हफ्ते के भीतर सभी आवारा कुत्तों को हटाया जाए। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने कहा कि नवजात और छोटे बच्चों को किसी भी कीमत पर कुत्तों से होने वाले खतरे से बचाना अनिवार्य है। अदालत ने कुत्तों से जुड़ी घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने और कार्रवाई में बाधा डालने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं।