गुजरात के अहमदाबाद में ट्रैफिक पुलिस के नाम से लगाए गए कुछ विवादास्पद पोस्टर्स को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इन पोस्टर्स में महिलाओं को यौन अपराधों से बचने के लिए रात में घर के भीतर रहने की सलाह दी गई थी। जैसे ही यह मामला सामने आया, विपक्षी दलों ने सरकार पर महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए।
शहर के सोला और चांदलोडिया इलाकों में लगे इन पोस्टरों में लिखा था— “देर रात पार्टी में न जाएं, दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म हो सकता है” और “सुनसान जगहों पर दोस्तों के साथ न जाएं, क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है।” विवाद बढ़ने के बाद संबंधित पोस्टर्स हटा दिए गए।
विपक्ष का सरकार पर हमला
आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ये पोस्टर महिला सशक्तिकरण के दावों की हकीकत उजागर करते हैं। पार्टी के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में राज्य में 6,500 से अधिक बलात्कार और 36 से ज्यादा सामूहिक बलात्कार की घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि औसतन हर दिन पांच से अधिक ऐसे अपराध हो रहे हैं। आप नेताओं ने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री यह बताना चाहेंगे कि क्या गुजरात की महिलाएं रात में बाहर निकल सकती हैं या नहीं?
ट्रैफिक पुलिस की सफाई
अहमदाबाद ट्रैफिक पुलिस की पश्चिमी इकाई की उपायुक्त नीता देसाई ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यातायात विभाग ने केवल सड़क सुरक्षा से जुड़ी सामग्री को प्रायोजित किया था। उन्होंने कहा कि एक गैर-सरकारी संगठन ‘सतर्कता समूह’ ने ट्रैफिक जागरूकता के नाम पर पुलिस से सहयोग मांगा था, लेकिन जो विवादित पोस्टर लगाए गए, वे पुलिस की जानकारी और स्वीकृति के बिना लगाए गए थे।
उन्होंने बताया कि NGO ने स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी, जिसके लिए ट्रैफिक से जुड़े कुछ पोस्टर्स दिखाए गए थे, लेकिन महिला सुरक्षा पर आधारित किसी विवादास्पद सामग्री की जानकारी नहीं दी गई थी। जैसे ही मामला सामने आया, तत्काल सभी पोस्टर्स हटवा दिए गए।