बजरंग दल कार्यकर्ता सुहास शेट्टी की हत्या के सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को कर्नाटक के विभिन्न जिलों में छापेमारी की। यह तलाशी अभियान मंगलूरु, चिक्कमगलुरु और हासन में 18 स्थानों पर चलाया गया। एजेंसी ने कहा है कि यह हत्या समाज में भय और अस्थिरता फैलाने के इरादे से की गई थी। मामले की प्रारंभिक जांच राज्य पुलिस द्वारा की जा रही थी, लेकिन जून में यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया।
हत्या की वारदात कैसे घटी?
1 मई 2025 को मंगलूरु के बजपे क्षेत्र में सुहास शेट्टी अपने साथियों के साथ वाहन से जा रहे थे, तभी दो अलग-अलग वाहनों में सवार 5 से 6 लोगों ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। हमलावरों ने धारदार हथियारों से उन पर हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पूरी घटना एक सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसमें हमलावर तलवारें और बड़ी छुरियां लेकर हमला करते नजर आए।
अब तक की कार्रवाई
अब तक इस मामले में एनआईए 12 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। शनिवार को जिन 18 ठिकानों पर छापेमारी की गई, वे इन्हीं आरोपियों और संभावित संदिग्धों से संबंधित थे। तलाशी के दौरान एजेंसी ने 11 मोबाइल फोन, 13 सिम कार्ड, आठ मेमोरी कार्ड सहित कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।
जांच जारी, गहरी साजिश की आशंका
एनआईए के अनुसार, हत्या के पीछे गहरी साजिश की संभावना है और एजेंसी यह जानने में जुटी है कि इस वारदात की योजना किसने बनाई और इसके पीछे और कौन लोग शामिल हो सकते हैं। मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है।