कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि बेंगलुरु में जून में हुई भगदड़ की घटना पर गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग की रिपोर्ट पर अगली कैबिनेट बैठक में विस्तृत चर्चा की जाएगी। इस हादसे में 11 लोगों की जान चली गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। सरकार ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जॉन माइकल कुन्हा की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट 11 जुलाई को सौंप दी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि रिपोर्ट का सारांश सभी मंत्रियों को अवलोकन के लिए दिया जा चुका है, लेकिन अब तक कैबिनेट में इस पर औपचारिक चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि रिपोर्ट का खुलासा उचित समय पर किया जाएगा।
चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मचा था हड़कंप
यह घटना 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई थी, जब आईपीएल में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई थी। अव्यवस्था के कारण मची भगदड़ में 11 लोगों की जान गई थी, जबकि कई घायल हो गए थे।
धर्मस्थल मामलों पर एसआईटी की संभावना
धर्मस्थल क्षेत्र में कथित हत्या, यौन उत्पीड़न और अवैध दफन से जुड़े मामलों में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर फैसला पुलिस रिपोर्ट के आधार पर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति गवाह के रूप में सामने आया है, वह पिछले दस वर्षों से फरार था और अब दावा कर रहा है कि उसने शवों को खुद दफन किया।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार किसी दबाव में नहीं है और सभी कार्रवाई कानून के तहत की जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो एसआईटी का गठन किया जाएगा, लेकिन बिना पर्याप्त सबूत के कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
विकास कार्यों पर विपक्ष को घेरा
सिद्धारमैया ने विपक्ष द्वारा मैसूर में प्रस्तावित ‘साधना समावेश’ सम्मेलन की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि इस दौरान राज्य सरकार 2,658 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पर यह आरोप गलत है कि विकास कार्य नहीं हो रहे हैं — असलियत यह है कि विपक्ष तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर जनता को गुमराह कर रहा है।