तेलंगाना में पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के कार्यकाल के दौरान कथित अवैध फोन टैपिंग मामले में केंद्रीय राज्य मंत्री बी. संजय कुमार बतौर गवाह सामने आने वाले हैं। इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने उनसे बयान दर्ज करने हेतु समय मांगा है, जिस पर केंद्रीय मंत्री शीघ्र ही तिथि तय करेंगे।

बी. संजय ने लगाए थे गंभीर आरोप

शनिवार को करीमनगर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बी. संजय ने स्पष्ट किया कि वह जांच एजेंसियों को पूरा सहयोग देंगे। उन्होंने इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की भी मांग दोहराई। संजय कुमार ने बताया कि बीआरएस शासनकाल के दौरान उन्होंने ही सबसे पहले इस कथित फोन टैपिंग की बात उठाई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को अनुचित करार दिया। घटना के समय वह तेलंगाना भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि वर्तमान मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, जब विपक्ष में थे, तब उन्होंने भी इसी मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भी दर्ज कराया बयान

फोन टैपिंग प्रकरण में कांग्रेस की ओर से भी सक्रियता देखी गई है। 17 जून को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बी. महेश कुमार गौड़ ने भी इस मामले में अपना बयान पुलिस को दर्ज कराया। उन्होंने कहा कि फोन टैपिंग जैसी गतिविधियों में संलिप्त सभी लोगों के विरुद्ध सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

कई बड़े नाम आए जांच के दायरे में

उल्लेखनीय है कि बीआरएस सरकार के समय यह आरोप सामने आए थे कि राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से कई राजनेताओं, वरिष्ठ अधिकारियों और यहां तक कि न्यायिक अधिकारियों के फोन अवैध रूप से टैप किए गए। मामले में प्रमुख आरोपी राज्य की स्पेशल इंटेलिजेंस ब्यूरो (SIB) के पूर्व प्रमुख टी. प्रभाकर को माना जा रहा है, जिनसे पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।