सांसदों की सैलरी बढ़ते ही अब इन लोगों ने भी कर दी मांग, दिल्ली में मचा सियासी घमासान

नई दिल्ली। सांसदों के वेतन के बाद अब दिल्ली के विधायक भी अपने वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। विधायकों के वेतन में संशोधन की मांगों पर विचार करने के लिए बुधवार को दिल्ली विधानसभा ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया।

सदन में चर्चा के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद इस समिति का गठन किया गया। वेतन बढ़ोतरी के साथ विधायकों ने अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कार्यों के लिए उपलब्ध कराए जाने वाले कर्मचारियों की संख्या में वृद्धि और उन्हें उपलब्ध कराए जाने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटरों के पारिश्रमिक में भी वृद्धि की मांग की।

सदन में दो मुद्दों पर चर्चा हुई

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘‘सदन में दो मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें डाटा एंट्री ऑपरेटरों से जुड़ा मुद्दा और संसद के अनुरूप (विधायकों का) मानदेय बढ़ाना शामिल है।’’ चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों ने अपने कम वेतन का हवाला देते हुए वेतन वृद्धि की मांग की।

वेतन और भत्ते एसडीएम से भी कम

इस दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक अनिल झा ने कहा कि विधायकों को प्रोटोकॉल के साथ सम्मानजनक दर्जा दिया गया है, लेकिन उनका वेतन और भत्ते उनके क्षेत्रों के जिला मजिस्ट्रेट और एसडीएम से भी कम हैं। किराड़ी विधायक अनिल झा ने पूर्व विधायकों के लिए सम्मानजनक पेंशन की मांग की।

उनकी पार्टी के सहयोगी विशेष रवि ने कहा कि दिल्ली सरकार को विधायकों के वेतन में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र को मंजूरी के लिए भेजना चाहिए।

सम्मानजनक वेतन की मांग

भाजपा विधायक कुलवंत राणा ने भी इस मांग का समर्थन करते हुए कहा कि दिल्ली के विधायकों को गोवा और जम्मू-कश्मीर समेत अन्य राज्यों की तरह सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिए। वहीं, उनकी पार्टी के सहयोगी सूर्य प्रकाश खत्री ने विधायकों को दिए जाने वाले डेटा एंट्री ऑपरेटरों की संख्या दो से बढ़ाकर चार करने का मुद्दा उठाया।

उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम वेतन अधिनियम के तहत कुशल श्रेणी के अनुसार उनके पारिश्रमिक में वृद्धि की जानी चाहिए।

खत्री के विचारों का उनकी अपनी पार्टी भाजपा के विधायकों के साथ-साथ आप विधायक झा ने भी समर्थन किया, जिन्होंने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित कार्यों के लिए अधिक कर्मचारियों की मांग की।

विधानसभा द्वारा गठित समिति के अध्यक्ष भाजपा के मुख्य सचेतक अभय वर्मा हैं और इसमें विधायक सूर्य प्रकाश खत्री, पूनम शर्मा और दो आप विधायक शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह समिति दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी और जरूरत के हिसाब से समय बढ़ाया जा सकता है।

फरवरी 2023 में हुई थी बढ़ोतरी

बता दें कि दिल्ली के विधायकों के वेतन में आखिरी बार फरवरी 2023 में बढ़ोतरी की गई थी, तब वेतन 54,000 रुपये से बढ़ाकर 90,000 रुपये प्रति माह किया गया था। मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर, चीफ व्हिप और विपक्ष के नेता का वेतन 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1.7 लाख रुपये किया गया था।

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