बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति का केंद्र फिलहाल राजधानी दिल्ली बन गया है। पार्टी नेताओं और गठबंधनों के सभी बड़े नेता इस समय दिल्ली में सक्रिय हैं और आगामी चुनाव को लेकर बैठकों का दौर चल रहा है।

बीजेपी, लोजपा और महागठबंधन सभी की नजरें दिल्ली में हैं। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर हाल ही में हुई बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी भी शामिल हुए। बैठक के दौरान मांझी अपनी 10 सीटों की मांग पर अड़े हुए थे, जबकि बीजेपी उन्हें 7 सीटें देने का प्रस्ताव रख रही थी।

महागठबंधन में भी सीट शेयरिंग का मसला पटना में सुलझा नहीं है। इस वजह से तेजस्वी यादव दिल्ली जा रहे हैं, जहां वे कांग्रेस आलाकमान से बैठक करेंगे। इसके बाद ही गठबंधन के प्रत्याशियों और सीटों का अंतिम फैसला लिया जा सकेगा।

एनडीए और महागठबंधन में घटक दलों के बीच लगातार बैठकें चल रही हैं। सभी दल अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे हैं। राजनीतिक जानकार मान रहे हैं कि अगले एक-दो दिन में सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय हो सकता है।

हालांकि जन सुराज पार्टी ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा पहले ही कर दी है, लेकिन महागठबंधन में अब तक चुनाव लड़ने का फॉर्मूला तय नहीं हो पाया है। पटना में हुई कई बैठकों में कोई ठोस हल नहीं निकलने के बाद मामला दिल्ली तक पहुंचा है।

राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि बिहार की आगामी विधानसभा चुनावी लड़ाई में दिल्ली की भूमिका इस बार बहुत अहम है, क्योंकि सभी दल यहां बैठकर रणनीति तय कर रहे हैं और अंतिम सीट बंटवारा तय करेंगे।