दिल्ली में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सबसे सख्त स्तर की पाबंदियां लागू कर दी हैं। हालात की गंभीरता को देखते हुए राजधानी में ग्रैप-1, 2 और 3 के साथ अब ग्रैप-4 के नियम भी तत्काल प्रभाव से लागू कर दिए गए हैं। आयोग के अनुसार, शनिवार को वायु गुणवत्ता में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक शाम चार बजे जहां दिल्ली का एक्यूआई 431 था, वहीं दो घंटे के भीतर यह बढ़कर 441 तक पहुंच गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि हवा की गति कम रहने, वातावरण के स्थिर बने रहने और प्रतिकूल मौसम के कारण प्रदूषक तत्व फैल नहीं पाए, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई। इसे देखते हुए सीएक्यूएम ने एनसीआर के सभी राज्यों और संबंधित एजेंसियों को प्रदूषण रोकने के लिए अतिरिक्त और सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने नागरिकों से भी ग्रैप के तहत जारी सिटीजन चार्टर का पालन करने की अपील की है।
आयोग की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि लोग छोटी दूरी के लिए पैदल चलने या साइकिल का उपयोग करें, सार्वजनिक परिवहन और कारपूलिंग को प्राथमिकता दें तथा अनावश्यक यात्रा से बचें। इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देने, कोयला या लकड़ी जलाकर ताप न लेने और सुरक्षाकर्मियों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने की भी सलाह दी गई है। ये निर्देश पहले से लागू चरण-1, 2 और 3 के उपायों के अतिरिक्त हैं।
ग्रैप-3 के तहत एनसीआर में निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़ी गतिविधियों पर कड़ी रोक लगा दी गई है। खुदाई, पाइलिंग, सीवर और बिजली-पानी की लाइन बिछाने जैसे कार्य बंद रहेंगे। हालांकि रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डे, राष्ट्रीय सुरक्षा, अस्पताल और अन्य आवश्यक परियोजनाओं को छूट दी गई है। इसके साथ ही पूरे एनसीआर में स्टोन क्रशर और खनन से जुड़ी गतिविधियां भी रोक दी गई हैं। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल चारपहिया वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध रहेगा, जबकि दिव्यांगों के लिए अनुकूलित वाहनों को छूट दी गई है। स्कूलों में कक्षा पांच तक हाइब्रिड पढ़ाई लागू की गई है और कार्यालयों में 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने का विकल्प दिया गया है।
ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध और भी कड़े हो जाते हैं। आवश्यक सेवाओं से जुड़ी परियोजनाओं को छोड़कर सभी निर्माण कार्यों पर पूर्ण रोक रहेगी। दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, हालांकि जरूरी सामान लाने वाले, सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएस-6 मानक वाले ट्रकों को छूट मिलेगी। दिल्ली के बाहर पंजीकृत गैर-आवश्यक हल्के वाणिज्यिक वाहनों की एंट्री पर भी रोक रहेगी। स्कूलों की कक्षा छह से नौ और 11वीं तक की पढ़ाई ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में कराई जा सकती है। सरकारी और निजी कार्यालयों में भी वर्क फ्रॉम होम के साथ 50 प्रतिशत उपस्थिति लागू की जा सकती है।
सीएक्यूएम ने स्पष्ट किया है कि एक्यूआई के स्तर के आधार पर ग्रैप के नियम लागू किए जाते हैं। 201 से 300 के बीच ग्रैप-1, 301 से 400 पर ग्रैप-2, 401 से 450 पर ग्रैप-3 और 450 से ऊपर पहुंचने पर ग्रैप-4 लागू किया जाता है। आयोग ने भरोसा जताया है कि सभी एजेंसियों के समन्वित प्रयास और नागरिकों के सहयोग से वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकेगा।