नई दिल्ली। राजधानी की जहरीली हवा में अब कुछ राहत के संकेत दिखाई देने लगे हैं। बीते दो दिनों से लगातार गंभीर श्रेणी में बना औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) मंगलवार को सुधरकर 291 पर पहुंच गया। सोमवार को यह 309 और रविवार को 366 दर्ज किया गया था। यह कमी दिल्लीवासियों के लिए राहतभरी खबर है, क्योंकि पिछले कुछ हफ्तों से धुंध और प्रदूषण ने सांस लेना भी मुश्किल बना दिया था।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में कमी के साथ ही सुबह और शाम के समय आसमान में छाई धुंध भी धीरे-धीरे छंटने लगी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, मौसम में बदलाव और सरकार द्वारा लागू की गई नियंत्रण नीतियों का असर अब दिखने लगा है।
पराली जलाने की घटनाओं में कमी
पंजाब और हरियाणा में इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में उल्लेखनीय गिरावट आई है। 15 सितंबर से 3 नवंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब में इस बार 2,518 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 4,132 थी। हरियाणा में भी यह आंकड़ा 857 से घटकर 145 रह गया है।
दोनों राज्यों में निरीक्षण और सख्त कार्रवाई भी की गई है। पंजाब में 2,161 और हरियाणा में 121 खेतों का निरीक्षण किया गया, जिसके बाद पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत क्रमशः ₹52.75 लाख और ₹3 लाख के जुर्माने लगाए गए। पंजाब में बीएनएस 2023 की धारा 223 के अंतर्गत 946 एफआईआर और हरियाणा में 42 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम
वायु गुणवत्ता आयोग (CAQM) ने चंडीगढ़ में विशेष प्रकोष्ठ स्थापित किया है और पंजाब-हरियाणा में 31 उड़न दस्ते (फ्लाइंग स्क्वॉड्स) की तैनाती की है। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू ग्रैप (GRAP) के तहत चरण-I को 14 अक्टूबर और चरण-II को 19 अक्टूबर से लागू किया गया है।
वहीं, दिल्ली में 1 नवंबर से बीएस-III और उससे नीचे श्रेणी वाले सभी गैर-दिल्ली पंजीकृत वाणिज्यिक माल वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
सीएक्यूएम और एनसीआर राज्य सरकारें मिलकर आने वाले दिनों में वायु गुणवत्ता को और बेहतर बनाने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि लगातार निगरानी और सख्ती से दिल्ली-एनसीआर की हवा में जल्द और सुधार देखने को मिल सकता है।