नॉर्थ ब्लॉक से विदा ले रहा गृह मंत्रालय, अब कर्तव्य पथ पर बनेगा नया मुख्यालय

लुटियंस दिल्ली के रायसीना हिल्स स्थित ऐतिहासिक नॉर्थ ब्लॉक अब केंद्रीय गृह मंत्रालय का मुख्यालय नहीं रहेगा। मंत्रालय ने यहां से स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसे इंडिया गेट के पास कर्तव्य पथ पर बने कॉमन सेंट्रल सेक्रेटिएट (सीसीएस-3) भवन में स्थानांतरित किया जा रहा है। यह कदम केंद्र सरकार की सेंट्रल विस्टा परियोजना के अंतर्गत राजधानी के प्रशासनिक ढांचे के पुनर्गठन का हिस्सा है।

गृह मंत्रालय लगभग 90 वर्षों से नॉर्थ ब्लॉक से संचालित हो रहा था, लेकिन अब इसका नया पता कर्तव्य पथ होगा। सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, कुछ संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और उनके सहयोगी कर्मचारी पहले ही सीसीएस-3 भवन में स्थानांतरित हो चुके हैं। बाकी अधिकारी और स्टाफ एक सप्ताह के भीतर नई इमारत में पहुंच जाएंगे।

नए परिसर में 347 कमरे आवंटित

मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब तक लगभग 20% अधिकारी व कर्मचारी नए भवन में स्थानांतरित हो चुके हैं। गृह मंत्रालय को नए परिसर में कुल 347 कक्ष आवंटित किए गए हैं। हालांकि गृह मंत्री अमित शाह का कार्यालय फिलहाल नॉर्थ ब्लॉक में ही है, लेकिन उसे भी स्थानांतरित करने की प्रक्रिया जारी है।

अन्य मंत्रालयों का भी होगा स्थानांतरण

सीसीएस-3 भवन में निचले दो मंज़िलों पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को स्थान मिलेगा, जबकि ऊपरी तीन मंज़िलों पर गृह मंत्रालय के कार्यालय होंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, सीसीएस-3 में विदेश मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी स्थानांतरित किया जाएगा। कॉमन सेंट्रल सेक्रेटिएट परिसर में कुल 10 इमारतों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें नॉर्थ और साउथ ब्लॉक के मंत्रालयों को क्रमशः शिफ्ट किया जाएगा।

इतिहास से आधुनिकता की ओर बदलाव

ब्रिटिश शासनकाल में 1921 में निर्मित नॉर्थ और साउथ ब्लॉक को दशकों से भारतीय शासन व्यवस्था का केंद्र माना जाता रहा है। नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय और वित्त मंत्रालय, जबकि साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय स्थित हैं। ये भवन सुरक्षा मामलों की सर्वोच्च कैबिनेट समिति के कार्यों का संचालन स्थल भी रहे हैं।

राष्ट्रीय संग्रहालय में होगा कायांतरण

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जब दोनों भवन पूरी तरह खाली हो जाएंगे, तो उन्हें एक भव्य राष्ट्रीय संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा। “युगे युगीन भारत” नामक यह संग्रहालय लगभग 1.55 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा और इसमें करीब 950 कक्ष होंगे। इसे दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक संग्रहालयों में शामिल करने की योजना है, जिसमें भारत की समृद्ध विरासत को दर्शाने वाली हजारों कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here