जुड़वा या तीन बच्चों के जन्म की खबरें अक्सर सुनने को मिलती हैं, लेकिन एक साथ चार स्वस्थ बच्चों का जन्म बेहद दुर्लभ होता है। सिरसा जिले के गांव टीटू खेड़ा निवासी रज्जोबाई ने इस असाधारण घटना को संभव किया है। उन्होंने दो पुत्रों और दो पुत्रियों को जन्म दिया है, और सभी नवजात पूरी तरह स्वस्थ हैं। बच्चों की देखभाल में न सिर्फ ससुराल पक्ष बल्कि मायके वाले भी बराबरी से सहयोग कर रहे हैं। इस अनोखी घटना की चर्चा पूरे गांव और परिवार में हो रही है।
बच्चों के पिता सोनू अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें यह यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि चारों बच्चों का सुरक्षित जन्म हुआ है। गांव के लोग नवजातों को देखने के लिए लगातार उनके घर पहुंच रहे हैं। परिवार के सदस्य दिन-रात बच्चों की देखभाल में जुटे हुए हैं, और सोनू की सास भी इस जिम्मेदारी में मदद कर रही हैं।
सिरसा के नागरिक अस्पताल के लिए भी यह एक चुनौतीपूर्ण केस था। अस्पताल के चिकित्सकों ने पहली बार एक साथ चार बच्चों की डिलीवरी सफलतापूर्वक की। सभी बच्चों का जन्म कुछ सेकेंड के अंतराल में हुआ, और उनका सुरक्षित तथा स्वस्थ पैदा होना अस्पताल की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सकों के अनुभव को दर्शाता है।
गर्मी में बच्चों की खास देखभाल
गर्मी के मौसम में शिशुओं की देखभाल में विशेष सावधानी बरती जा रही है। बच्चों की उम्र कम होने के कारण 4-5 लोगों को हर समय उनके साथ रहना पड़ता है। उनका खाने और सोने का समय अलग-अलग होता है, जिससे परिजन दिन-रात व्यस्त रहते हैं। जानकारी के अनुसार, रज्जोबाई की शादी एक साल पहले सोनू से हुई थी, जो खेती और मजदूरी करते हैं। रज्जो की उम्र करीब 24 साल है, और पहली डिलीवरी में चार बच्चों का जन्म होना एक जोखिमपूर्ण स्थिति थी।
सोनू ने बताया कि 4 जून को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई थी। 14 मई को रज्जो की डिलीवरी हुई थी। डिलीवरी के बाद सभी नवजातों को डॉक्टरों की निगरानी में एनआईसीयू में रखा गया, ताकि किसी प्रकार की कोई जटिलता न हो। रज्जो को भी ऑपरेशन के बाद कुछ समस्याएं हुई थीं, लेकिन डॉक्टरों की सतत निगरानी और इलाज से अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
सरकारी अस्पताल में मिला भरपूर सहयोग
सोनू ने बताया कि पूरे इलाज के दौरान नागरिक अस्पताल के डॉक्टरों का सहयोग सराहनीय रहा। उन्हें कभी यह महसूस नहीं हुआ कि प्राइवेट अस्पताल जाने की जरूरत है। चिकित्सकों ने उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत किया और विश्वास दिलाया कि सब ठीक होगा।
रज्जो की गर्भावस्था के दौरान दो बार सरकारी अस्पताल में जांच करवाई गई। अल्ट्रासाउंड में पहले तीन बच्चों की पुष्टि हुई, लेकिन डॉक्टरों ने चौथे बच्चे की संभावना भी जताई। बाद में निजी अस्पताल में जांच से चार बच्चों का होना स्पष्ट हो गया। इसके बाद रज्जो को किसी प्रकार का काम नहीं करने दिया गया और परिवार के सभी लोग उनकी देखभाल में जुट गए।
ऑपरेशन के समय पूरे अस्पताल की नजरें
नागरिक अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कि ऑपरेशन के समय पूरा स्टाफ और अन्य मरीजों के परिजन भी इस डिलीवरी को लेकर उत्सुक थे। ऑपरेशन थिएटर के बाहर लोगों की भीड़ जमा थी। हर शिशु के लिए दो-दो नर्सों की व्यवस्था की गई थी। जैसे ही चारों बच्चों के स्वस्थ जन्म की खबर बाहर पहुंची, अस्पताल में खुशी की लहर दौड़ गई।
डॉ. गर्ग के अनुसार, चार बच्चों का एक साथ जन्म बहुत जोखिमपूर्ण होता है। जब गर्भ में तीन से अधिक भ्रूण होते हैं तो समय पूर्व डिलीवरी की आशंका बढ़ जाती है। रज्जो के केस में 31-32 सप्ताह में ऑपरेशन हुआ। बच्चों का वजन 1.200 से 1.300 ग्राम के बीच था। सभी को एनआईसीयू में रखा गया था। रज्जो को ऑपरेशन के बाद थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन समय पर इलाज से वह ठीक हो गईं।